सबल प्रेरणा हिंदी

सबल प्रेरणा हिन्दी हिंदी भाषा हर भाषा से पहचान कराती है, अक्षर-अक्षर, शब्द-शब्द में अनुपम प्यार लुटाती है। माँ के मुख से लोरी बनकर, शिशु कर्ण तक जाती है, तोतली…

हिंदी – गिरिधर कुमार

हिंदी   हिन्द की आवाज, प्राकृत, पाली, संस्कृत से क्रमशः निःसृत, भारतीयता की पहचान हिंदी।   भारतेंदु से पंत तक, महादेवी से भावपूरित, निराला के अंनत तक, दिनकर की ओज…

भारत के मंत्रिमंडल – उषा कुमारी

हमारे देश का नाम है भारत, इसकी बहुत पुरानी कहानी। नई दिल्ली है भारत की राजधानी।। जुकाम जब कभी आए, हमेशा करे रुमाल का उपयोग करें ना अपने नाक को…

एक पौधा लगाऊंगा – राम बाबू राम

एक पौधा लगाऊंगा   एक पौधा लगाऊंगा, उसमें रोज पानी डालूंगा। जंगल-झाड़ काटकर, साफ-सुथरा रखूंगा, जब पौधा बड़ा हो जाए, उसके छांव में बैठूंगा। फिर झूला झूलूंगा, फल तोड़ घर…

हिंदी: सुर वाणी की जाया- राम किशोर पाठक

हिंदी, सुर वाणी की जाया- किशोर छंद सुर वाणी की जाया कहिए, हिंदी को। भूल रहे सब क्यों है गहिए, हिंदी को।। हृदय भाव में फिर से भरिए, हिंदी को।…

हिंदी मेरी भाषा

“हिंदी मेरी भाषा ”   हिंदी मेरी भाषा है, हिन्दी मेरी आशा है। हिंदी का उत्थान करना, यही मेरी जिज्ञासा है। हिंदी की बोली अनमोल, एक शब्द के की विलोम।…

बस मेरे सामने – विजय शंकर ठाकुर

बस !मेरे सामने …………। बस !मेरे सामने……….।बैठे हैं, उनींद आंखों में सपने लिए,एकटक निहारते काले श्यामपट्ट,तलाशते हुए भविष्य के रास्ते।बस ! मेरे सामने…………।कलम लिए नाज़ुक,दुर्बल हाथों में,धीमे स्वर में बुदबुदाते…