अनुराग समर्पित धवल अन्तःकरण हो जागृत उपहास किंचित न हो प्रस्फुटित मिथ्या आचार सदा विसर्जित मन कर्म वाणी हो सदा सुसज्जित। उर मैत्री भाव हो स्पंदित अश्रु प्रेम नैनन हो…
Category: Bhakti
For the attainment of God in the world, for the welfare of the person, one has to do spiritual practice for salvation. For this, Bhakti is the best. Therefore, devotion to God and having prayer and meditation is called Bhakti.
गुरु वंदना-अशोक कुमार
गुरु वंदना हम करते हैं तेरा गुणगान प्रभु, मेरे सिर पर रखना करुणा का हाथ प्रभु। सर्वदा रखना दीन दुखियों पर दया प्रभु, उनका जीवन में आए हर्ष उल्लास प्रभु।।…
दृढ़ संकल्प-अर्चना गुप्ता
दृढ़ संकल्प दृढ़ संकल्प करें हम मन से, हिन्दी का उत्थान करेंगे। हिन्दी है जनमानस की भाषा, हो सर्वोन्नति, अभियान करेंगे। है हिन्दी से हिन्दुस्तान हमारा, हृदय से इनका सम्मान…
सरस्वती वंदना-नूतन कुमारी
सरस्वती वंदना हे हंसवाहिनी! हे ज्ञानदायिनी! विद्या का वर दे… सद्बुद्धि का संचार कर, अज्ञानता दूर कर दे। हे वीणावादिनी! हे हंसासीनी ! ज्ञान का वर दे… अम्ब विमल मति…
माँ वागेश्वरी-मनु कुमारी
माँ वागेश्वरी जयति जय माँ वागेश्वरी, सरस्वती विंध्यवसिनी। सकल जगत की तुम हो माता, हे सकल मंगलकारिनी.. जयति माँ वागेश्वरी.. तुम हो पद्मासना माता शांति, सुख, वरदायनी, जगत का कल्याण…
सुवासित आत्मिक चेतना-दिलीप कुमार गुप्त
सुवासित आत्मिक चेतना हे शतरूपा, निरंजना किस विधि करूँ वंदना दृष्टि कूप तिमिर विपन्न तू विश्वा सदज्ञान सम्पन्न चतुर्दिक तम घना बसेरा तुम बिन कहो, कौन सहारा अन्तस दारुण दर्द…
जय माँ सरस्वती-कुमकुम कुमारी
जय माँ सरस्वती जय-जय-जय माँ सरस्वती हे सकल विश्व भव तारिणी तेरे शरण मैं आई माता जय माँ कष्ठ निवारिणी। शुभ्रवस्त्रा धारिणी माता जय माँ हंस सवारिनी जय-जय-जय पद्मासना देवी…
माँ वर दे-लवली वर्मा
माँ वर दे तू ज्ञान की देवी है, मैं ज्ञानार्थी तुम्हारा हूँ। वर दे माँ तू मुझको, तेरी शरण जो आया हूँ। अज्ञानता दूर करके, मार्ग मेरी कर दे प्रकाशित।…
सरस्वती वंदना-डॉ. अनुपमा श्रीवास्तवा
सरस्वती वंदना छुप गयी हो तुम कहाँ बताओ माँ तुम “शारदा,” बसंती चुनर ओढ़कर तुम धरा पर आओ माँ। मिट रहा है ज्ञान-ध्यान घट रही है “साधना”, मिट रहा है…
जय माँ शारदे-स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’
जय माँ शारदे हे शारदे जगजननी माते, हे सुर धुन ज्ञानी तू वर दे। श्वेताम्बरा सुमति सुमुखी माँ सुन, हे अनहद नादिनी तू स्वर दे। प्रणमामि त्वयं, भजामि तव्यं स्वीकार…