ॠतुराज वसंत शिशिर गये मधुमास आये बहने लगी वासंती बयार, मौसम अब तो हुआ सुहावना चमन में खिले कलियाँ हजार। विद्या की देवी सरस्वती माता वसंत पंचमी को आती है,…
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ऋतुओं का राजा वसंत-मधु कुमारी
ऋतुओं का राजा वसंत सभी ऋतुओं का राजा वसंत आया देने प्रकृति को नई उमंग शीत ऋतु अब जाते-जाते पतझड़ को दे जाएगी नव जीवन। चहुं ओर फैलेगी वातावरण में…
स्कूल में आई खुशियाँ-विजय सिंह नीलकण्ठ
स्कूल में आई खुशियाँ फरवरी दो हजार बीस से बंद था पठन-पाठन विद्यालय में प्यारे बच्चे छुपे हुए थे अपने-अपने आलय में। मन नहीं लगता गुरुजी को था बैठे-बैठे विद्यालय…
शुभारंभ-प्रीति कुमारी
शुभारंभ आज चहुंओर है चहल-पहल, जैसे कोई हो पावन पर्व बच्चे सारे हैं नाच रहे खुशियों के संदेशे बाँट रहे। मानो गम के दिन बीत गए मन भाव-विभोर हो झूम…
सुबह होने सा कुछ-गिरिधर कुमार
सुबह होने सा कुछ बच्चे अब आएंगे अपनी किलकारियों के साथ हमें निहाल करने फीकी फिजां में रंग भरने और खिल उठा हूँ मैं भी उल्लास से सराबोर जैसे खोया…
नवल वर्ष-अर्चना गुप्ता
नवल वर्ष नवल चेतना की आस लिए नव उम्मीदों की प्यास लिए, दृढ संकल्प के रथ पर आरूढ़ आशा संग उमंगें ले आया है, देखो ! नवल वर्ष यह आया…
मकरसंक्रांति-कुमकुम कुमारी
मकरसंक्रांति देखो-देखो आया मकरसंक्रांति का त्योहार, जन-जन में छाया देखो खुशियाँ अपार। घर-आँगन बुहारे मिलकर नर-नार, सूर्य अराधन को देखो बच्चे भी हैं तैयार। सूर्य देव तो हैं हमारे जीवन…
मकर संक्रांति-देव कांत मिश्र ‘दिव्य’
मकर संक्रांति उत्तरायणी पर्व का, हुआ सुखद आगाज। ढोल नगाड़े बज रहे, होंगे मंगल काज।। सूरज नित अभिराम है, जीवन का आधार। देव रूप पूजे सदा, सारा ही संसार।।…
बसंत का आगमन-प्रीति कुमारी
बसंत का आगमन नीचे धरती ऊपर अम्बर, मन्द-मन्द मुस्काता तरुवर। बादल आया उमड़-घुमड़ कर, आज मगन मद मस्त है जलधर। नील गगन में उड़ते पँछी कौए चील बाजो की…
बागों में बहार है-प्रकाश प्रभात
बागों में बहार है हर मौसम खुशी लेकर आए, दुःख की क्या बिसात है। हम सभी मिल-जुलकर रहेंगे, डरने की क्या बात है। सप्ताह में सात दिन होते, साल में…