पापा खूब पढ़ाओ, आगे मुझे बढ़ाओ। शिक्षा का दीप जलाकर, पापा आप इतराओ।। पढ़ा-लिखा पैरों पर अपने, खड़ा मुझे कराओ। बेटी बोझ नहीं पापा की, दुनिया को समझाओ।। बेटी को…
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पिता – शांति कुमारी
एक उम्मीद है एक आस हैं पिता परिवार की हिम्मत और विश्वास है पिता बाहर से सख्त अंदर से नर्म है पिता उनके दिल मे कई मर्म है पिता संघर्ष…