मेरे पापा मेरे पापा हैं बहुत प्यारे से, मुझे लगते हमेशा न्यारे से। बचपन से ही इनका प्यार मिला, मुझे नहीं है इनसे कोई गिला। बचपन में इनसे बहुत डरा…
Category: Prem
Love has no definition, and it is a feeling that comes within the heart. The meaning of love can be different for different people, different age groups, and different relationships, but the surface is the same for everyone. Love comes from knowledge, and for this, one needs to understand oneself.
उन्हें समर्पित हर दिन-अपराजिता कुमारी
उन्हें समर्पित हर एक दिन पापा जी को समर्पित एक ही दिन क्यों हर दिन है पापा जी का दिन आंखें खुलती हर सुबह जब उठते ही आवाज आती पापा…
ऐसे होते हैं पापा-अनुपमा अधिकारी
पापा खयालों में भी सबका खयाल वो हर वक्त रखते हर दर्द सहकर भी होठों पर मुस्कान सदा रखते! ऐसे होते हैं पापा। परिवार में बड़े वृक्ष के जैसा सबका…
मेरे पापा-ब्रम्हाकुमारी मधुमिता
मेरे पापा मेरी हर खुशी में मुस्कुराते मेरे हर गम में, ढांढस बढ़ाते मेरे पापा मुझे कभी पीटी उषा, तो कभी सुनीता विलियम्स बनाते मेरे पापा मेरे आंसुओं के बहने…
पिता-ब्यूटी कुमारी
पिता पिता राही, पिता रक्षक पिता पथ प्रदर्शक है। पिता सागर, पिता पर्वत पिता धरती और गगन है। पिता सूर्य, पिता किरण पिता वृक्ष और छाया है। पिता शिक्षा, पिता…
कौतूहल भरा वो दिन-विवेक कुमार
कौतूहल भरा वो दिन वात्सल्य प्रेम की गोद में पला, अंजाना अज्ञानता से भरा अबोध बालक। मां की ममता पिता का प्यार, अनछुई अनकही अबूझ पहेली सी, सभी का प्यारा…
पिता का चरित्र-भोला प्रसाद शर्मा
पिता का चरित्र एक रिश्ता है वो प्यार का, रहकर भी साथ निभा जाते हैं। होंठो पर दिखा मुस्कान वह हरदम, दिलों पर बोझ सहन कर जाते हैं। पता ही…
गाँव-मुकेश कुमार
गाँव गाॅंव की पगडंडियों में एक अलग बात है, यहाँ हमेशा हरियाली ही साथ है, एक बार गाँव आकर घूम लीजिये, यहाँ प्यार, स्नेह, सम्मान की बरसात है। यहाँ आपको…
बचपन के दिन-चाँदनी समर
बचपन के दिन सुबह सुबह आँखे खुलती थी चिड़ियों के चहचहाने से उठ बैठती थी अंगराई लेकर फिर माँ के बुलाने से। मीठी मीठी चाय के साथ बिस्किट का वो…
नटखट कान्हा-अनुज कुमार वर्मा
नटखट कान्हा मन चंचल साँवला तन, जिनको करता सब नमन। उनको गौ से है मीत, बाँसुरी वादन में है प्रीत। बात अनोखी रखते हैं, ज्ञान की बातें करते हैं।…