मेरे पापा-ब्रम्हाकुमारी मधुमिता

मेरे पापा मेरी हर खुशी में मुस्कुराते मेरे हर गम में, ढांढस बढ़ाते मेरे पापा मुझे कभी पीटी उषा, तो कभी सुनीता विलियम्स बनाते मेरे पापा मेरे आंसुओं के बहने…

पिता-ब्यूटी कुमारी 

पिता पिता राही, पिता रक्षक पिता पथ प्रदर्शक है। पिता सागर, पिता पर्वत पिता धरती और गगन है। पिता सूर्य, पिता किरण पिता वृक्ष और छाया है। पिता शिक्षा, पिता…

कौतूहल भरा वो दिन-विवेक कुमार

कौतूहल भरा वो दिन वात्सल्य प्रेम की गोद में पला, अंजाना अज्ञानता से भरा अबोध बालक। मां की ममता पिता का प्यार, अनछुई अनकही अबूझ पहेली सी, सभी का प्यारा…

गाँव-मुकेश कुमार

गाँव गाॅंव की पगडंडियों में एक अलग बात है, यहाँ हमेशा हरियाली ही साथ है, एक बार गाँव आकर घूम लीजिये, यहाँ प्यार, स्नेह, सम्मान की बरसात है। यहाँ आपको…

बचपन के दिन-चाँदनी समर

बचपन के दिन सुबह सुबह आँखे खुलती थी चिड़ियों के चहचहाने से उठ बैठती थी अंगराई लेकर फिर माँ के बुलाने से। मीठी मीठी चाय के साथ बिस्किट का वो…