दोस्त-मुकेश कुमार

दोस्त मेरी है हमेशा यह आरजू, मेरा दोस्त हमेशा खुश रहे, कभी आये न संकट के बादल, किस्मत इतना बुलंद रहे, हमारी दोस्ती दुनियाँ में एक मिशाल बनी रहे, आपस…

सरिता-मनु कुमारी

सरिता सरिता ! हां, मैं हूँ सरिता! मैं हीं हूँ तनूजा ! परोपकार की जीती जागती मूर्ति, अपने लिए कुछ नहीं सोचती, मुझे आता है सिर्फ देना, सृष्टि के समस्त…

मैं तुम्हें नमन करता हूंं-मनोज कुमार दुबे

  मैं तुम्हें नमन करता हूं   हे जगत की गुरु मात मैं तुम्हें नमन करता हूं। शीश झुकाता हूं वसुन्धरा मैं तुम्हे नमन करता हूं।। जहाँ शांति का हुवा…

पिता-सुरेश कुमार गौरव

 पिता  पिता अपनी घरौंदे का पूरी आस और विश्वास है सबका भरसक दूर करता निराश और अविश्वास है। खुद दुःख सहता जीवन और संतान का दुखहर्ता हैं परिवार के सभी…

निज संस्कृति-दिलीप कुमार गुप्त

निज संस्कृति आँवला बरगद पीपल की पूजा पथिक पाता सघन शीतल छाया द्वारे-द्वारे निबोली संग पवन निरोगी काया मन थीर प्रसन्न निज संस्कृति को शत-शत नमन। घृत कुमारी अश्वगंधा गिलोय…

निश्छल बंधन-नितेश आनन्द

निश्छल बंधन अतुलनीय है प्रकृति जिसकी, मिली है उसकी छांव हमें, बिन बंधनों के साथ चला मैं, मिल जाए कहीं वरदान हमें। स्वभाव सरल तो है हीं तेरा, हृदय भी…

पिता-अशोक कुमार

पिता पिता शौर्य का प्रतीक, हमें पथ प्रदर्शक बनाया। निरंतर पग पग पथो पर, संभल संभल कर चलना सिखाया।। उन्हीं से सुख शांति है, मां का सिंदूर है। उनके जगह…