माॅं सृष्टिकर्तृ-सुरेश कुमार गौरव

माॅं सृष्टिकर्तृ मां! यानी सृष्टिकर्त्तृ स्त्री का महान दातृ रुप इस नाम की सार्थकता सबला शक्तिरुपा में सदा परिलक्षित दिखती है। वात्सल्य भाव प्रेषित कर जीवन रुपी पात्रों में ममता,…

आर्तवाणी से पुकारा-जैनेन्द्र प्रसाद रवि

आर्तवाणी से पुकारा मेरे मोहन इन चरणों की अब तो दे दो सहारा। बिना मांझी यह जीवन नैया कैसे लगे किनारा।। जड़ चेतन सब तेरी माया, कण-कण में तू है…

नजर आए-सुधीर कुमार

नजर आए माता पिता के रूप में मुझको  चारो धाम नजर आए। जब मैं देखूं इन्हें सदा  मुझको भगवान नजर आए। आते हैं जब भी ये सामने और न कुछ…

पिता-भोला प्रसाद शर्मा

पिता  पिता जैसा कोई वरदान नहीं पिता जैसा कोई महान नहीं पिता हम आपकी निन्दिया है चमकाती माँ की बिन्दिया है पिता हँसता हुआ फूल है रक्षा कवच बना त्रिशूल…

मेरे पिता मेरे भगवान-रीना कुमारी

  मेरे पिता मेरे भगवान मेरे पिता जिन्होने मुझे सुंदर सा संसार दिया आनंद खुशी और रंग-बिरंगे जैसे उपहार दिया आंखों के तारे कह मेरे जीवन को सवांर दिया सोना-चांदी…