मोक्ष की प्रतिक्षा-अवनीश कुमार

मोक्ष की प्रतीक्षा थक जाता जब मानव का तन मन ईश्वर से मोक्ष दिलाने को करता नमन लेकिन आत्मा है उसे पुकारती, उसे धिक्कारती   क्या चलने के पहले कुछ…

गाँधी को गढ़ना होगा-स्नेहलता द्विवेदी आर्या

गाँधी को गढ़ना होगा मानवता के मनोभाव को निर्मल से करने के लिए, मधुर जीवन के सरस भाव को अमृतमय करने के लिए, समभाव और सहजयोग में मानव को रचने…

रक्षाबंधन-दिलीप कुमार गुप्ता

 रक्षा बंधन  सुमधुर स्नेहिल प्रीत का विश्वास भरा पावन बंधन बांध कलाई रेशम की डोरी शुभ संस्कार भरा रक्षा बंधन । सुमंगल थाल सजाती बहना भैया हर पल हिय मे…

खड़ी है तेरे द्वार बहना-जैनेन्द्र प्रसाद रवि

खड़ी है तेरे द्वार बहना धागा रक्षा के बांधे तेरे हाथ बहना, राजा भैया तू हर युग में साथ रहना। नित् दिन रहती आश लगाए, सोचती कब शुभ दिन ये…

रक्षाबंधन में बहन की पुकार-प्रियंका कुमारी

रक्षाबंधन में बहन की पुकार रक्षाबंधन है यह अटूट एवं पवित्र भाई बहनों के रिश्तो का त्यौहार, बहन अपने भाई की कलाई पर बांधती है उम्मीद भरा प्यार , सर…

अदृश्य मित्र-विजय सिंह नीलकण्ठ

अदृश्य मित्र अदृश्य मित्र भी कभी-कभी आ जाते हैं सबके काम ऐसी महानता उनमें होती छुपा के रखे अपना नाम । विपत्तियों में साथ निभाते सम्पत्तियाँ देख प्रसन्न हो जाते…

मित्र महान-विजय सिंह नीलकण्ठ

 मित्र महान मन की बात परखने वाले ही कहलाते सच्चे मित्र चारों दिशाओं में नाम फैलाकर बना देते हैं जैसे इत्र । सुख-दुःख में साथ निभाए कहलाते वे सच्चे मित्र…