सर्दी आई सर्दी आई सर्दी आई, ठंडी ठंडी हवा बहती पुरवाई। कप कपाती ठंडी हवाएँ, सूरज की नई किरण है लाई।। बूढ़े, बच्चे घरों में दुबके, सूनी पड़ी अंगनाई। गरम…
Category: sandeshparak
Sandeshparak poems are poems that are used to convey a message with feelings. Through poems, statements related to the country, the world, and society are transmitted to the people. Teachers of Bihar give an important message through the Sandeshparak of Padyapankaj.
गाँव-भवानंद सिंह
गाँव भारत गाँव का देश है यहाँ गाँव ही गाँव है, कच्ची सड़कें हैं पगडंडियाँ हैं । भारत गाँव का देश है यहाँ विशुद्ध हवाएँ हैं, शुद्ध पर्यावरण है हँसती…
नन्हे बच्चे-अनुज कुमार वर्मा
नन्हे बच्चे हम बच्चे कोमल तन के, खेलें खेल चंचल बन के, करते काम निज मन की, फिकर नहीं अपने तन की। खेल हमें लगती है प्यारी, माँ की ममता…
बनारस-अवनीश कुमार
बनारस बनारस है देश की शान इसका बड़ा है मान-सम्मान यहाँ का पान बड़ा मशहूर न खाये बिना कोई जाए हजूर। उत्तम शिक्षा यहाँ है मिलता बी० एच० यू० इसका…
बिटिया रानी-अर्चना गुप्ता
बिटिया रानी सुन लो प्यारी मेरी बिटिया रानी आओ सुनाऊँ तुझे मैं एक कहानी नन्हें पाँव तेरे जब पड़े घर-अँगना हँसती ऐसे जैसे बहे दरिया नूरानी प्रस्फुटित होता तुझसे ही…
बाल श्रमिकों की पुकार-अपराजिता कुमारी
बाल श्रमिकों की पुकार 👧🏻हम बच्चे भी तो भविष्य देश के बालश्रम क्या देश के भविष्य पर प्रतिघात नहीं 🧒🏻हमें भी दे दो ना, जीने, खेलने, पढ़ने को दे दो…
जीवन की सच्चाई-संयुक्ता कुमारी
जीवन की सच्चाई जीवन एक संघर्ष है । इसे हँसकर जीने में ही हर्ष है ।। जिंदगी जब जीनी ही है फिर क्यों हम इतने विवश हैं ? जीवन है…
क्यों बैठा मन मार राही-रानी कुमारी
क्यों बैठा मन मार राही सफर अभी शेष है समर अभी शेष है चंद ठोकरों से घबराकर क्यों बैठा मन मार राही क्यों बैठा मन मार ? चूमना है शिखर…
सब मिल चलो पेड़ लगाएँ-नरेश कुमार निराला
सब मिल चलो पेड़ लगाएँ सब मिल चलो पेड़ लगाएँ भारत भूमि को स्वर्ग बनाएँ वसुधा पर हरियाली फैलाकर वायु को हम स्वच्छ बनाएँ। वसंती हवा के शीतल झोंके चारों…
मोह-प्रीति कुमारी
मोह माया से भरी इस दुनियाँ में जीना इतना आसान नहीं हर राह भरे हैं काँटों से चलना इतना आसान नहीं। पग पग पर मिलती मुसीबतों से लड़ना इतना आसान…