कलम पतवार है मुसीबतों में जब, सब होते नतमस्तक, तब कलम की ही होती दस्तक। इसके चाहने वालों की लंबी कतार है, ये कलम, कलम नहीं पतवार है। सरस्वती का…
Category: sandeshparak
Sandeshparak poems are poems that are used to convey a message with feelings. Through poems, statements related to the country, the world, and society are transmitted to the people. Teachers of Bihar give an important message through the Sandeshparak of Padyapankaj.
हंसवाहिनी वंदना-सुबह सवेरे-शालिनी कुमारी
हंसवाहिनी वंदना हंसवाहिनी मां शारदे तू ज्ञान, बुद्धि, प्रकाश दे तम को मन से दूर कर तू राग जीवन में तू भर दें जग के छल, माया, प्रपंच से माँ…
मेला-कुमारी अनु साह
मेला एक थी गुडिया रानी बहुत होशियार और सयानी । एक दिन घूमने गई वो मेला मेले में देखा एक ठेला । बिक रही थी उस पर तरह-तरह की मिठाई…
अंतर-अवनीश कुमार
अंतर कुछ कर दिखा इस जमाने में बता दे दुनियाँ को नहीं है मानव-मानव में अंतर आज दिख रहा जो जमाने मे अंतर ये अंतर न रहेंगे निरंतर ये अंतर…
ज्ञान का दीप-अशोक कुमार
ज्ञान का दीप आओ मिलकर हमसब, ज्ञान का दीपक जलाएँ। फैलाएँ खुशियाँ चारो ओर, चलो बच्चों को हम सब सिखाएँ।। नन्हे मुन्ने बच्चे होते मन के सच्चे, आओ हम भी…
रिश्ते-अर्चना गुप्ता
रिश्ते रिश्ते होते हैं अमूल्य धरोहर समरस जीवन होते सुखकर हृदय के हर भाव को समझे बहते जैसे निर्झरिणी निर्झर मधुर भावों से सजा उपवन हर रिश्तों का मान रखें…
नृत्य-अपराजिता कुमारी
नृत्य सृष्टि के कण-कण में जन जन के मन मन में शारीरिक भाव भंगिमाओं में मानवीय अभीव्यक्तियों का रसमय प्रदर्शन है नृत्य परमात्मा की आराधना, साधक की साधना देवी, देवताओं,…
बचपन हमें जीने दो-स्वाति सौरभ
बचपन हमें जीने दो किताबों की बोझ तले, न बचपन हमारा दबने दो कागज की कश्ती से ही, विचारों की धारा में बहने दो भीगने दो बारिश की बूंदों में,…
हिन्दी-ज्योति कुमारी
हिन्दी हर विषय में कमजोर, हिन्दी बस मेरी है, विश्वास जितना स्वयं पर उतना ही हिन्दी पर, नहीं मैं विद्वान नहीं, ह्रस्व और दीर्धीकार गलत हो जाए शायद, साहित्य की…
वो दिन-गिरिधर कुमार
वो दिन कितना बदल गया सब कुछ नियति की इस क्रीडा में अपने ही बच्चों से दूर शिक्षक की इस पीड़ा में… गुजरे जमाने की बात हो जैसे वह मंजर…