उम्मीद-भवानंद सिंह

उम्मीद आशा और उम्मीद से भरा आया है नववर्ष यहाँ, पुष्पित-पल्लवित हो सबका जीवन नववर्ष दो हजार इक्कीस में।  नये साल का नया सवेरा शुभमंगल बन आया है, उषाकाल का…

दहेज-अशोक कुमार

दहेज बेटा बेटियां बराबर के अधिकारी, उन्हें बनाएं जरुर संस्कारी। शिक्षित बनाएं और उपकारी, दोनों का है बराबर की हिस्सेदारी।। बेटा बेटी वस्तु नहीं कि हम करें खरीददारी, दहेज लेना…

नव वर्ष-प्रकाश प्रभात 

नव वर्ष नव वर्ष हमेशा कहलाएगा, जब तेरा सम्मान बढ़ाएगा। नव वर्ष खुशियाँ लेकर आएगा सारे लोग, खूब धूम मचाएगा। अबकी बार कोरोना कहर जाएगा, जब वर्ष बीस सौ इक्कीस…

नववर्ष-अर्चना कुमारी

नववर्ष नववर्ष की स्वर्णिम मंगल बेला में आओ मिलकर नई शुरुआत करें जीर्ण-शीर्ण जो हुई हृदय-दीवारें कारण जान, उसपर मिल बात करें।  डाल कटु बातें अंतस के हवनकुंड में हर्षित…

रिश्ता व मानव जीवन है अनमोल-शालिनी कुमारी

  रिश्ता  कभी सन्नाटे सा ख़ामोश कभी शोर मचाता ढ़ोल सा.. कभी कुसुमों का स्तवक कभी खिलता बसंत सा.. कभी मासूमियत से भरी कभी अनुरंजित हैं दम्भ सा.. कभी देता…