नई शिक्षा नीति नई शिक्षा नीति 2020 है आई। शिक्षार्थी के मन में नई उमंगे है छाई। इसरो पूर्व प्रमुख डॉक्टर कस्तूरीगन की अध्यक्षता में । नई शिक्षा नीति का…
Category: sandeshparak
Sandeshparak poems are poems that are used to convey a message with feelings. Through poems, statements related to the country, the world, and society are transmitted to the people. Teachers of Bihar give an important message through the Sandeshparak of Padyapankaj.
NATURE-Lovely Verma
NATURE Beauty of nature is incredible Its all resources are valuable Mountain ranges capped with snow It seems as diamond glow Natural sights are awesome to see Makes the mind,…
स्कूल बंद है फिर भी-रंग है बाकी अब भी-गिरिधर कुमार
स्कूल बंद है फिर भी हाँ आज भी बंद है स्कूल लेकिन हमारे सपने अब भी कहाँ बंद है हौसले हमारे पुरजोर हैं हमने दे रखी है हवाओं को चुनौती…
लक्ष्य प्राप्ति हेतु मैंने न विश्राम किया-नूतन कुमारी
लक्ष्य प्राप्ति हेतु मैंने न विश्राम किया उम्मीद की लौ जला कर, जिंदगी को किया उजाला, हर व्यूह को भेद कर, संघर्ष का लिया निवाला, हरसंभव कोशिश को मैंने है…
नई शिक्षा नीति-एम एस हुसैन
नई शिक्षा नीति 1968 में प्रस्तावित हुआ 1986 में यह लागू हुआ । 1992 में कुछ सुधार हुआ 1993 में पुनः साकार हुआ ।। मुदालियर ने यह बात बताई थी…
विज्ञान को नमस्कार-अवनीश कुमार
विज्ञान को नमस्कार दूर अंधेरा छँट रहा मन मे एक विश्वास जग रहा लग रहा ये आखिरी प्रयोग होगा जीत का जश्न होगा कोरोना वैक्सीन का ईजाद होगा जन जन…
साहस के दोहे-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
साहस के दोहे चोट खाकर ही पत्थर मूर्त्ति बन पूजा जाता है। जो संकट से घबराता, वह कभी नहीं बढ़ पाता है।। तपाया जाकर ही सोना सुंदर आभूषण बन पाता…
जिंदगी-देव कांत मिश्र दिव्य
ज़िन्दगी छोटी-सी ज़िन्दगी को यूँ न गवाँना है। इसे नित नई खुशियों से सजाना है।। ज़िन्दगी में आएँगे कभी खुशी तो कभी ग़म डटना है सामने पर नहीं इससे घबराना…
पर्यावरण हमारा आवरण-अपराजिता कुमारी
पर्यावरण हमारा आवरण 🌳🦋 🌳💦🦁🐯🌊🌪🦋🐤🦆🐱🐭🐋🦀🐬🦂🐌🦆🐤🐂🐄🦌🐪🦒🐫🐳🐿🦋🌳 🌳प्रकृति हम सब की माँ जैसी हम सब का आवरण पर्यावरण भौतिक, रासायनिक और जैविक सबको समष्टिगत करता पर्यावरण🦋 🌲सूक्ष्मजीवाणु, कीड़े, मकोड़े सभी जीव,जंतु पेड़-पौधे,…
आत्मनिर्भर-डाॅ. अनुपमा श्रीवास्तव
आत्मनिर्भर बिना सहारे जीवन “पथ पर “ चलता है जो अपने सामर्थ्य पर जिसे भरोसा अपने कर्म पर वही तो है जग में “आत्मनिर्भर “। नन्ही सी “चिड़िया” को देखो…