प्रेम बनाये सभी काम-विनय कुमार वैश्कियार

प्रेम बनाये सभी काम प्रेम प्यासी हर काया, प्रेम ही सबको भाया, प्रेम पास सब लाया, प्रेम ही लुटाइये। बिगड़े काम बने है, फ़िर काहे को तने है संकट जब…

कौन कहते हैं बच्चे पढ़ते नहीं-आँचल शरण

कौन कहते हैं बच्चे पढ़ते नहीं कौन कहते हैं बच्चे पढ़ते नहीं, पर सत्य तो ये है कि हम उन्हें समझते नहीं। जब बच्चे शुरू शुरू में विद्यालय आते है,…

अब क्या-प्रभात रमण

अब क्या अब क्या गाँव की शान ढूंढते हो ? अपनी सभ्यता का सम्मान ढूंढते हो बाँस के मचान का दलान ढूंढते हो बबूल के पेड़ में आम ढूंढते हो…

स्वतंत्र-अश्मजा प्रियदर्शिनी

स्वतंत्र ऐ नादान इंसान, तुम मुझे जाने कैसे प्यार करते थे। अपनी इच्छा से जाने क्या क्या खिलाया करते थे । कभी पुचकारते कभी सहलाते रहा करते थे। फिर भी…

कौन कहते कि बच्चे पढ़ते नहीं-नूतन कुमारी

कौन कहते कि बच्चे पढ़ते नहीं बुद्धिजीवी होना कुछेक की मुद्दत होती है, अनुकरण करना बच्चों की फितरत होती है, शिद्दत से हम उन्हें समझाते नहीं, कौन कहते हैं बच्चे…

सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय-कुमकुम कुमारी

सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय सदियों पूर्व हमारे शास्त्र ने यही तो हमें बताया है सर्वे भवन्तु सुखिनः का पाठ हमें पढ़ाया है सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय भारतीय संस्कृति में समाया…

संख्या-एकलव्य

संख्या शून्य से नौ तक को अंक सभी कहता है कुल मिलाकर उनको दस अंक बनता है। रूप विभिन्न होते बच्चों क्रमशः उनको आप जानो जोड़ा सम बेजोड़ विषम फिर…