आओ बच्चों पढ़ना सीखें जीवन रंग बदलना सीखें। अक्षर अक्षर गढ़ना सीखें शब्दों के अर्थ समझना सीखें। मिलजुल कर रहना सीखें जीवन पथ पर बढ़ना सीखें। दुश्मन से भी…
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पुस्तक – देवकांत मिश्र ‘दिव्य’
आओ बच्चों पुस्तक पढ़ लें। नई-नई बातों को गढ़ लें।। पुस्तक तो है ज्ञान-खजाना। करें न कोई और बहाना।। नये-नये कुछ शब्द मिलेंगे। सुंदर मनहर चित्र दिखेंगे।। कभी दिखें रवि-चाँद-सितारे।…
हम सब हैं भारत के बच्चे – अमरनाथ त्रिवेदी
लेकर हम सब प्रभु का नाम, सदा करें ही अच्छे काम। खेल-खेल में नहीं लड़ेंगे, बात-बात में नहीं झगड़ेंगे। हम सब हैं भारत के बच्चे, कहते जो करते सब…
दोहावली- रामकिशोर पाठक
तन-मन-धन अर्पित करे, रखकर स्वच्छ विचार। पाठक नित करते रहे, जन-जन का उपकार।। वाणी ऐसी बोलिए, करें नहीं हलकान। घाव हृदय को दे नहीं, बनकर एक कृपाण।। दीप जले…
चाँद सलोना- रामकिशोर पाठक
लगता बड़ा सलोना चॉंद जैसे कोई खिलौना चॉंद। मन को मेरे भाता यह पर बड़ा इठलाता यह। दिखता नहीं हमेशा एक जैसे इसके रूप अनेक। दिन में है छिप…
कलम हमारी ताकत है – सुरेश कुमार गौरव
आओ बच्चों स्कूल चलें, ज्ञान की राह बढ़ते चलें। कलम उठाएँ, पुस्तक पढ़ें, सपनों को साकार करें। कलम हमारी ताकत है, पुस्तक से गूँजे ज्ञान सदा। इनसे सीखे जीवन…
प्रेम वही करता इस जग में- अमरनाथ त्रिवेदी
प्रेम वही करता इस जग में, जिसे मानवता से यारी है। आचरण है पशुवत जिसका, पृथ्वी पर जीना उसका भारी है। सचमुच कहूँ तो प्रेम ही जीवन, प्रेम …
दोहावली – रामकिशोर पाठक
शुभता मन में राखिए, लेकर प्रभु का नाम। मात-पिता के ही चरण, बसते चारों धाम।। शीश झुकाऍं ईश को, मन-दुविधा से हीन। धीरज से कारज करें, बदलें जीवन दीन।।…
सदाचार कुछ बचपन के – अमरनाथ त्रिवेदी
सदाचार कुछ बचपन के होते, इसे अपनाकर हम अवगुण खोते। माता-पिता के कुछ सपने होते, उसे पाने पर सब अपने होते। सारी दुनिया जल, माटी से गोल, दुनिया में …
सदाचार कुछ बचपन के – अमरनाथ त्रिवेदी
सदाचार कुछ बचपन के होते, इसे अपनाकर हम अवगुण खोते। माता-पिता के कुछ सपने होते, उसे पाने पर सब अपने होते। सारी दुनिया जल, माटी से गोल, दुनिया में …