माँ बिना यह जीवन सूना – सुरेश कुमार गौरव

माँ जग में सबसे महान, दिव्य ममता का है रूप अनोखा। त्याग, प्रेम औ’ स्नेह की गंगा, निर्मल जैसे पावन मन झरोखा।। कोमल धारा, वात्सल्य प्यारा, सुख-दुख सब अपनाती है।…

देव घनाक्षरी- रामकिशोर पाठक

विज्ञान की बात करें, न्यूटन के साथ करें, जिन्होंने है सिखलाया, नियम ऊर्जा संरक्षण। पृथक निकाय को लें, समय स्थान बदलें, पर होता कभी नहीं, संचित ऊर्जा का क्षरण। अक्सर…

संत शिरोमणि रविदास – रामकिशोर पाठक

माघ मास की पूर्णिमा, दिन था वो रविवार। रविदास था नाम पड़ा, काशी में अवतार।। कलसा गर्भ से जन्में, पिता रग्घु के द्वार। गोवर्धनपुर ग्राम में, देने पथ संसार।। मन…

अनुशासन जीवन की पहचान – सुरेश कुमार गौरव

अनुशासन जो जीवन में लाए, हर मुश्किल में जीत वो पाए। जो भी समय का मान करेगा, सपनों को वह साकार करेगा। सुबह-सुबह उठना है प्यारे, नियमों को अपनाना सारे।…

हाथ बढ़ा प्रभु मंगल दीजै – कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’

है अति बेकल नैन हमारे। दर्शन को प्रभु राम तुम्हारे।। देकर दर्शन काज सँवारें। नाथ हमें भव से अब तारें।। थाल सजाकर मैं प्रभु आई। पूजन पूर्ण करो रघुराई।। हाथ…

ब्रह्मांड की दिव्य कहानी- सुरेश कुमार गौरव

सूरज ज्योति का है आगार उजियारे का सौम्य नगर। किरणें इसकी छू लें धरती, हरियाली भर जाए घर।। नीला नभ फैला है कितना, आँखों से यह मापा ना जाए। तारे…