सुन री दीया – अवनीश कुमार

सुन री दीया काश! तू सुन पाती, मेरी विरह-व्यथा समझ पाती। तेरी जलती लौ से, क्या-क्या अनुमान लगाऊं? मद्धिम पड़ती लौ से, क्या-क्या कयास लगाऊं? बिन पिया, दीया, तुझे क्या-क्या…

भीमराव अम्बेडकर – नीतू रानी

भारत के ये वीर सपूत, जिसने मिटाया छुआछूत। रामजी मालोजी सकपाल के थे सुपुत्र भीमाबाई के थे चौदहवीं पुत्र। गरीब परिवार में लिए अवतार, व्यक्तियों में बन गए वो खास।…

दोहावली – मनु कुमारी

प्रेम प्रलोभन दे रही, खड़ी राम के पास। मन में थी यह चाहना, होगी पूरी आस।। मर्यादा की रास में, किये न अनुचित काम। आमंत्रण ठुकरा दिए, क्षमा सहित श्रीराम।।…

भीमराव अम्बेडकर ” अंतिम विचार:आत्मज्योति की लौ- सुरेश कुमार गौरव

जीवन भर संघर्ष था, पर न रुका विचार। हर पीड़ित के हित रहा, निज मन का सुविचार॥ शोषण की दीवार को, तोड़ा सत्य-विचार। सत्ता-मंचों से कहा,”बस चाहूँ उच्च विचार॥” काया…

बैशाखी का पर्व है: विधा: मनहरण घनाक्षरी– रामकिशोर पाठक

कहते मेष संक्रांति, है विषुवत संक्रांति, फसल कटाई शांति, बैशाखी का पर्व है। सूर्य का मेष प्रवेश, पंज प्यारे धर वेश, हरिद्वार ऋषिकेश, मेला पर गर्व है। पुथण्डु बोहाग बिहू,…

महावीर – रामकिशोर पाठक

छह सौ साल ईसा पूर्व का, वैशाली शुभ धाम। कुण्डग्राम में जन्म हुआ, बर्धमान था नाम।। थी चैत्र शुक्ल की त्रयोदशी,क्षत्रिय सिद्धार्थ द्वार। त्रिशला का पावन गर्भ हुआ, महावीर अवतार।।…

महावीर का पावन प्रकाश- सुरेश कुमार गौरव

चमका जैन धरा पर तारा, वीर स्वराज पुकार, अहिंसा का मंत्र सुनाया, बना जगत आधार। त्याग, तपस्या, संयम-शक्ति, जिनका रहा प्रबोध, महावीर ने खोल दिए, आत्मा के सब बोध। राजमहल…

मधुमास का यह प्यार है – अमरनाथ त्रिवेदी

प्रकृति के अनंत गोद में, छाई ऐसी बहार है। मानों जीवंत हो निर्जीव भी, ऐसा मधुमास का यह प्यार है। अनन्तता के बोध  में, यह जीवंतता की शान है। मधुमास है…

प्रियवर तब रामायण पढ़ना- संजय कुमार

प्रियवर तब रामायण पढ़ना प्रियवर तुम रामायण पढ़ना दुःख मन को जब व्याकुल करे और राह अंधकार चहुँओर दिखे संबंधों के अनुबंधों में जब आएँ धुंध काले बादल के प्रियवर…