शिक्षा की ज्योति जलाने वाले- अमरनाथ त्रिवेदी

साथ मिलकर चलें, हम मिलकर रहें, एक  दिन मंजिल हमें जरूर मिल जाएगी। साथ मिलने और चलने से  ताकत  बढ़े, अरमानों को  निश्चित  पंख लग जाएँगे। कदम ही कदम  यूँ …

शिक्षा की ज्योति जलाने वाले- अमरनाथ त्रिवेदी

साथ मिलकर चलें, हम मिलकर रहें, एक  दिन मंजिल हमें जरूर मिल जाएगी। साथ मिलने और चलने से  ताकत  बढ़े, अरमानों को  निश्चित  पंख लग जाएँगे। कदम ही कदम  यूँ …

बच्चों जीवन को सादगी से अपनाना- रुचिका

  बच्चों तुम अपनी शरारतें बचा लेना, छोटी-छोटी बातों पर रूठना फिर पल में मान जाना और दिल खोल मुस्कुरा लेना। वो किसी को रोते देख रोना, किसी के खुशी…

चाचा नेहरू – रामकिशोर पाठक

  उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में, किलकारी गूँजी आनंद भवन में। अठारह सौ नवासी का साल, चौदह नवंबर को जन्में लाल। प्रारंभिक शिक्षा अपने परिवेश में, फिर ट्रिनिटी पढ़ने गए…

आओ गीत खुशी के गाएँ- अमरनाथ त्रिवेदी

चलो   झूम    के   नाचें   गाएँ , मिल जुलकर हम खुशी मनाएँ। हम  प्यारे  बच्चे   कितने अच्छे, जितने नील गगन के तारे सच्चे। सच्ची  बात  हम ही  हैं करते, नहीं तनिक…

लें सबक प्रदूषण से- अमरनाथ त्रिवेदी

मजा नहीं अब  सजा  मिलेगी, नित बढ़ते  प्रदूषण के  खतरे से। होश  में  आओ   हे   मानव, रोग फैल   रहा दूषित  कचरे से।। वायुमंडल  भी   हुआ   प्रदूषित, जीवन शैली भी अब…

छठ- महिमा – रत्ना प्रिया

सुर संस्कृत में छठ-महिमा, सब मुक्त कंठ से गाते हैं। तब सविता के प्रखर प्राण को, आत्मसात् कर पाते हैं।।   शुचि, आहार-विहार नीति का, पालन इसमें होता है, फिर…

नित दिन प्रातः आता सूरज- संजय कुमार

नित दिन प्रातः आता सूरज नित नया सिखलाता है। नित सवेरे आकर कहता, नया जीवन ही जग पाता है।। कहता है यह नित दिन आकर मृत्यु क्षय नहीं प्रकृति में…