समय समय है सबसे शक्तिशाली, समय है बड़ा बलवान, समय की हर एक घड़ी का, करना है सम्मान, समय ही किसी को राजा बनाता, समय ही किसी को रंक बनाता,…
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मंजिल बुला रही है मोहम्मद आसिफ इकबाल
| मंज़िल बुला रही है | क्यों मुरझाए बैठे हो? शीष झुकाए बैठे हो! देखो मंजिल बुला रही है, बाँध कमर तुम दौड़ लगाओ । समय गंवाए बैठे-बैठे किस सोच…
छुआछूत-जैनेंद्र प्रसाद
छूआछूत कोई नहीं छोटा बड़ा, सबको समान गढ़ा, आमिर-गरीब होना, तो मात्र संजोग है। ईश्वर की रचना में- विविध प्रकार जीव, तुलसी के सभी दल, का होता प्रयोग है। ऊंँच-नीच…
विदाई -रामकिशोर पाठक
विदाई – महा-शिववदना छंद गीत नम आँखों में है, प्यार भरा कैसा। छलक रहा मोती, सागर के जैसा।। पल सुंदर आया, हर्ष लिए सब है। द्रवित सभी काया, धन्य हुआ…
ऊंचाई भी क्या चीज-गिरिंद्र मोहन झा
ऊंचाई भी क्या चीज होती है, आकाश की ऊंचाई से देखो, धरती पर के शिला-गिरि छोटे दिखाई देते हैं, धरती पर से देखो तो तारे छोटे दिखाई देते हैं, ऊंचाई…
कान्हा..रामकिशोर पाठक
कहमुकरी ख्वाब सजाकर रखती हूॅं नित।उन्हें छुपाकर रखती हूॅं चित।।रहती फिर भी जग में तन्हा।क्या सखि? साजन! न सखी! कन्हा।।०१।। याद उन्हें ही कर मैं खोयी।चरणों में सिर रखकर सोयी।।करे…
वाह रे इंसान.. जैनेंद्र प्रसाद रवि
वाह रे इंसान *****************धन-दौलत सब माल-खजाना यहीं धरा रह जाएगा,खाली हाथ तू आया बंदे खाली हाथ ही जाएगा।मूर्ति की पूजा करता है माता-पिता से प्यार नहीं, पद-पैसा पा इतराता है…
गौरव..रामकिशोर पाठक
नाभा छंद २११-१११, २२२-२२ गौरव क्षणिक, पाना क्यों चाहें।कौन बरबस, फैलाता बाहें।।चाहत अगर, मैला हो तेरा।अंतस गरल, फैलाए डेरा।। सुंदर सृजन, होते हैं ज्यों ही।वंदन नमन, पाते हैं त्यों ही।।भक्ति…
रुख हवाओं का बदल दूं..
गजल२१२२-२१२२ नैन तेरे कर सजल दूँ।आज लिखकर मैं गजल दूँ।। कौन तेरा है बता दो।आज रिश्तें कर अटल दूँ।। यूँ न फेरों नैन हमसे।लग रहा खुद को गरल दूँ।। चाहता…
सर्दी आई
सर्दी आई । सर्दी आई, सर्दी आई ,लेकर कंबल और रजाई ।स्वेटर , कोट और शॉलों ने,सबको दी पूरी गरमाई । पर्वत – पर्वत बर्फ गिराती,ठंडी – ठंडी हवा चलाती…