विषय – अन्तर्राष्ट्रीय पशु अधिकार दिवस।******************आज है अन्तर्राष्ट्रीय पशु अधिकार दिवस,लेकिन सभी पशु हैं जीने को वेवश। उजड़ रहे हैं पेड़, पौधे, वन,कहाँ रहेंगे पशुओं के सभी जन। सभी पशुओं…
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आसरा -रामपाल प्रसाद सिंह
पद्ममाला छंद 8 वर्ण आसरा पास बैठी है। खींचती मर्म की रेखा।। जन्म लेते जिसे देखा। आज माॅं खास बैठी है। आसरा पास बैठी है।। दर्द होने नहीं देती। मात…
याद उन्हीं की आती है -रामपाल प्रसाद सिंह
याद उन्हीं की आती है। निशि-वासर को चैन नहीं है,पीड़ा वाण चलाती है। छोड़ चले जाते हैं जग को,याद उन्हीं की आती है।। मेरी पीड़ा हरनेवाली,पीड़ा देकर कहाॅं चली। सिंधु…
झलक दिखाएं कृष्ण -रामकिशोर पाठक
झलक दिखाएँ कृष्ण- रोला छंद गीत मिल जाए फिर चैन, उन्हें आँखों में भरके। छलक उठे है नैन, याद मोहन को करके।। क्षमा माँग लूँ आज, सभी पापों के अपने।…
रिश्ता रखें सच्चा -जैनेन्द्र प्रसाद
प्रभाती पुष्प रिश्ता रखें सच्चा संगी-साथी मित्र सच्चे, मिलते कहांँ हैं अच्छे, संबंध जो बन जाए, रिश्ता रखें सच्चा है। किसी से जो नाता जोड़ें उसको निभाना सीखें, वरना तो…
चिंता है रहती -रामकिशोर पाठक
चिंता है रहती- महा-शशिवदना छंद गीत दुख की सब गाथा, औरों से कहती। धन दौलत की, चिंता है रहती।। राम नाम जपिए, याद उन्हें करिए।। नेह प्रेम सबसे, चित में…
राम राम गाइए रामकिशोर पाठक
राम-राम गाइए- अनामिका छंद आप जो बता रहे। साथ में खता कहे।। रोष क्यों सदा गहे। दोष को यहाँ सहे।। आप तो उदार हैं। सत्य का विचार हैं।। भूल का…
पंछी -रामपाल प्रसाद सिंह
दो पंछी क्यों विवश हुए हैं,बाहर जाने को। अपने हुए पराए मतलब,है समझाने को।। जीवन का हर पल सुखमय जब,तूने पाए थे। रहते संग परिवार में सबको,सुख पहुॅंचाए थे।। अब…
स्कूल चलें हम- बाल कविता
स्कूल चलें हम- बाल कविता शाला में सिखलाया जाता। खेल-कूद करवाया जाता।। खाने को भी मिलता सबको। प्यार सदा ही मिलता सबको।। फिर मुझको क्या होगा गम। क्योंकर होगी आँखें…
संपूर्ण ज्ञान अश्मजा प्रियदर्शिनी
संपूर्ण ज्ञान प्रदाता पुस्तक है सरस्वती समान। यह सर्वश्रेष्ठ पर प्रदर्शक विज्ञता जीवन में प्रधान। शास्वत जग ब्रह्मांड का विवरण देता है, कालचक्र की समस्त घटना का मान्य करता बखान।…