राष्ट्रीय विज्ञान दिवस: विधा- दोहावली- देवकांत मिश्र ‘दिव्य’

दिवस राष्ट्र विज्ञान का, लाया नव उल्लास। रमण खोज की याद कर, उर में भरें उजास।। चिंतन कर विज्ञान का, लाएँ अभिनव सोच। अन्वेषण की चाह में, नहीं करें संकोच।…

ऊँ नमः शिवाय – रत्ना प्रिया

पतित पावनी गंगा को शिव, सिर पर धारण करते हैं। नमः शिवाय जपने वाले का, कष्ट निवारण करते हैं।। मृत-संजीवनी मंत्र महिमा, श्रेष्ठ है व न्यारी है, कष्ट-क्लेश संताप मिटाती,…

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस- रामकिशोर पाठक

हम करें विज्ञान की बातें, देश के उत्थान की बातें। विज्ञान और नवाचार में, युवाओं को सशक्त बनाना। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस सदा, जागरूकता चाहे लाना। केंद्रित रखकर इसी भाव को,…

जरा जरा-सी बात पर – अमरनाथ त्रिवेदी

जरा  जरा-सी  बात  पर, दिल को कभी  न रूठाइए। जरा जरा-सी बात  पर, मन को कभी न दुखाइए। निज घर की गुप्त बातों को, बाहर  कभी न  फैलाइए। घर के झगड़ा झंझट को, घर में ही  सुलझाइए। जब…

शीर्षक: निरख सुहानी भोर- देव कांत मिश्र ‘दिव्य’ विधा- मनहरण घनाक्षरी

निरख सुहानी भोर, सुखद विहंग शोर, प्राणवायु का सहर्ष, अनुभव कीजिए। ललित प्राची की लाली, भृंगी बाग मतवाली, भीनी गंध प्रसूनों की, तन-मन लीजिए। कोयल की कूक प्यारी, लता की…

प्रकृति का संदेश- सुरेश कुमार गौरव

हरी-भरी यह धरती अपनी, इसको हमें बचाना है। पेड़ लगाकर, जल बचाकर, हरियाली फैलाना है॥ नदियाँ बहें सदा निर्मल-सी, कलुष नहीं जल करना है। नीला नभ हो,शुद्ध पवन हो,ऐसा जग…

चंद्रशेखर आजाद – रामकिशोर पाठक

भारत है वीरों की धरती, आओं मिलें आजाद से। अंग्रेज सदा काँपा करते, जिनके हीं शंखनाद से। ब्राह्मण कुल का ऐसा बाँका, डर पाया न परिवाद से। न्यायाधीश अचंभित-सा था,…

शिवरात्रि विशेष दोहावली- रामकिशोर पाठक

प्रकृति वधू का रूप ले, पुलकित रही निहार। पुरुष प्रकृति का है मिलन, मन में लिए विचार।। फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी, विदित सकल संसार। इसी दिवस ब्रह्माण्ड का, शुभदारंभ प्रसार।। शैलसुता…