ज्योतिर्मय चिंतन साँसों संग युद्धरत जीवन चहुं ओर कराहती दुनिया गमगीन शोर नियति संग संघर्षरत जिन्दगी हौसले के बल मिलती संजीवनी। छायी चतुर्दिक विपदा भारी परस्पर सहयोग की है तैयारी…
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खुशी-सुरेश कुमार गौरव
खुशी खुशी, आज-कल कहां टिकी रहती हो? इस भाग-दौर में ज्यादा नहीं मिलती हो!! लगता है अब भाव भी अधिक खाती हो! न जाने आकर फिर कहां चली जाती हो!!…
मेरे गांव का मेला-एम० एस० हुसैन “कैमूरी”
मेरे गांव का मेला बहुत खूबसूरत होता था मेरे गांव का वह मेला जहां पर लगा रहता था हरदम लोगों का रेला। लोगों में भी होती थी मेले को लेकर…
स्कूल का बस्ता-डॉ. अनुपमा श्रीवास्तवा
स्कूल का बस्ता गुमसुम पड़ा है मेरा बस्ता नित देखे स्कूल का रस्ता प्रभु जी बताओ मेरी भूल कब जाऊँगा मैं स्कूल? कलम किताब बस्ते से दूर क्या समझाऊँ मैं…
अलविदा साल 2020-मनु कुमारी
अलविदा साल 2020 हे! साल 2020 आज करते हैं हम तुम्हें विदा! ऐसी विदाई किसी ने न की है, लाखों जिंदगी की सौगात तूने ली है, खून के अश्रु हैं…
बीत गया है बीस-विजय सिंह नीलकण्ठ
बीत गया है बीस बीत गया है बीस आ गया दो हजार इक्कीस कोई नहीं खुश दिखा कहीं पर सबों को मिली एक टीस। जनवरी में ठंड से सब थे…
मेरा आकलन-स्वाति सौरभ
मेरा आकलन मेरा अंक देख मेरे पंख को , कतर दिया गया। मेरे परीक्षाफल से मेरा आकलन , कर दिया गया।। मेरे दोस्त से भी मेरी, तुलना की गई। उसकी…
लाॅकडाउन-भोला प्रसाद
लॉकडाऊन ओ साथिया मोरे गुरुवर नाहीं आयो, देखत-देखत उनकी असरवा अँखिया मोर पथरायो। ओ साथिया मोरे गुरुवर नाहीं आयो। “क” से कमलिया बऊवा बिसरायो, त्रिकोण-ज्यामिति केहु न समझायो, डिसटेंशन का…
कोरोना साल-संयुक्ता कुमारी
कोरोना साल कभी न आए जीवन में फिर से ऐसा 2020। मन से जाएगा न कभी कोरोना का टीस।। आम का बगीचा जाना न हूआ, न रही अचार की खुशबू…