ज्योतिर्मय चिंतन-दिलीप कुमार गुप्त

ज्योतिर्मय चिंतन  साँसों संग युद्धरत जीवन चहुं ओर कराहती दुनिया गमगीन शोर नियति संग संघर्षरत जिन्दगी हौसले के बल मिलती संजीवनी। छायी चतुर्दिक विपदा भारी परस्पर सहयोग की है तैयारी…

स्कूल का बस्ता-डॉ. अनुपमा श्रीवास्तवा

स्कूल का बस्ता गुमसुम पड़ा है मेरा बस्ता नित देखे स्कूल का रस्ता  प्रभु जी बताओ मेरी भूल कब जाऊँगा मैं स्कूल? कलम किताब बस्ते से दूर क्या समझाऊँ मैं…

लाॅकडाउन-भोला प्रसाद

लॉकडाऊन ओ साथिया मोरे गुरुवर नाहीं आयो, देखत-देखत उनकी असरवा अँखिया मोर पथरायो। ओ साथिया मोरे गुरुवर नाहीं आयो। “क” से कमलिया बऊवा बिसरायो, त्रिकोण-ज्यामिति केहु न समझायो, डिसटेंशन का…