चरण वंदना कुर्म:
मातृ रूपम् दृशद सर्व:
मे चरण वंदना कुर्म:
जगत जननी गृहे अद्य
निराकारा प्रकट अद्य
शरद काले शुभद सर्व:
मे चरण वंदना कुर्म:।
प्रकृति: रमणीयं अत्र
दृश्यं शोभनं सर्वत्र
जना: रमणं सतत धर्म:
मे चरण वंदना कुर्म:।
दिवा शांता निशा सौम्या
लता हर्षित रमे रम्या
नवल शक्ति: गृहित कर्म:
मे चरण वंदना कुर्म:।
हरे तापं सदा जापं
नश्यंते कृता पापं
सदा भक्ति: मया मर्म:
मे चरण वंदना कुर्म:।
मुक्तिहेतु इयम् सरला
निराकृता इयम् गरला
भव मुक्ति कृता पर्व:
मे चरण वंदना कुर्म:।
रचनाकार:- राम किशोर पाठक
प्रधान शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय कालीगंज उत्तर टोला, बिहटा, पटना, बिहार।
संपर्क – 9835232978
0 Likes
