जिंदगी – राम किशोर पाठक

Ram Kishor Pathak

जिंदगी -सूर घनाक्षरी

एक रास्ता है जिंदगी,
आओ कर लें बंदगी,
त्याग चित की गंदगी, चलते जाइए।
कर्म धर्म मर्म ज्ञान,
अपना पराया जान,
सबको समान मान, समता लाइए।
धैर्य धारिए मगर,
स्नेह वारिए अगर,
सौम्य बोलिए बसर, शुभता पाइए।
दैव योग पाते सदा,
गीत शुभ गाते सदा,
सर्व सुख लाते सदा, प्रथम आइए।

रचयिता:- राम किशोर पाठक
प्रधान शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय कालीगंज उत्तर टोला, बिहटा, पटना, बिहार।
संपर्क -9835232978

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