छत पर पाठशाला
छत पर बैठा है लंगूर
हाथ में उसके है अंगूर
पास में बैठा एक लंगूर
बजा रहा बाजा संतूर।
देखने में बच्चे हैं मशगूल
आनंद मिल रहा है भरपूर
बड़े बुजुर्ग भी उत्सुक होकर
देखने को हुए मजबूर।
तभी एक आई बंदरिया
हाथ में उसके पड़े हैं खड़िया
जो दिखते सफेद वह बढ़िया
गले में मोती की हैं लड़ियाँ।
तभी एक बंदर भी आया
साथ में स्व बच्चों को लाया
श्यामपट्ट ले हाथ में अपने
लगे पढ़ाने बच्चे अपने।
बंदर बोला अ से आलू
बंदरिया बोली भ से भालू
श्यामपट्ट पर आलू भालू
देख उछल पड़ा बच्चा कालू।
कुछ पल में एक कौवा आया
काँव काँव आवाज लगाया
बच्चे बंदर का ध्यान हटाकर
सबको अपनी ओर लुभाया।
गुस्से में आई बंदरिया
जोर से पटक दी अपनी खड़िया
कौवे पर फेंकी स्व माला
बंद हुई छत की पाठशाला।
विजय सिंह नीलकण्ठ
सदस्य टीओबी टीम
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