छोटे से जीवन में हर पल
छोटे से ही जीवन में हर पल
फूल विहँसते रहते हैं।
सजाए रखो मुस्कान लबों पर
हर पल हमसे कहते हैं।
क्षणभंगुर सी है जीवन नैया
सुख-दुख संग ही चलते हैं।
छोटी छोटी खुशियाँ ही तो
सदा जीवन में रंग भरते हैं।
खुलकर जी ले तू हर पल को
क्यों कल की सोच रोते हैं।
मोहमाया के पाश में बँध
आमरण उलझे ही रहते हैं ।
क्यों मन हो विचलित व्याकुल
अंतर्द्वंद्व से जकड़े रहते हैं।
समस्या में ही तो समाधान छुपा
पर संग रंजिश अकड़े रहते हैं।
घुट-घुट कर जो जीता इंसान
मौत से पहले ही मरते हैं।
हो जीवट चतुर्दिक बिखेरें खुशबू
क्यों अपनी लाश संग ढोते हैं।
क्यों प्रथम डग पथ धरते ही
हार हिम्मत घबड़ाए चलते हैं।
मंजिल मिलेगी निश्चित एकदिन
सहला पाँव हर काँटें कहते हैं।
अर्चना गुप्ता
म. वि. कुआड़ी
अररिया बिहार