कोरोना के बाद
और जीत ही गया है
जीवन
बच्चों की किलकारियां फिर से
गूँज पड़ी है स्कूलों में
इन अरमानों ने
कोरोना को पीछे धकेल दिया है
यही शाश्वत है
यही उदघोषणा है
अंधकार के विरुद्ध
जीजिविषा की
सीखने, पढ़ने और बढ़ने के
संकल्प की
जहां अस्वीकृत हैं
निराशा के भाव
अवसाद और पराजय…
आओ, चलो
इस नये मंजर में
हम मिलकर भरें
अपने अपने हिस्से का रंग
आओ सम्मिलित हों
इस नयी कारवां में
ताजे संकल्प और
साझे दायित्व के साथ
करें हम स्वागतम
इस नये विहान का…
गिरिधर कुमार
म. वि. बैरिया, अमदाबाद, कटिहार
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