दिशा धुन
प्यारे बच्चों सुन सुन सुन,
दिशा की प्यारी सी इक धुन।
सूरज जिधर से सुबह उगे,
कहते उसको पूरब सुन।
प्यारे बच्चों सुन सुन सुन..
देखो सुबह में सूरज को,
आँखे मीचे सिर न धुन।
पीछे तुम अब देखो प्यारे,
होती है पश्चिम तुम सुन।
प्यारे बच्चों सुन सुन सुन..
अपना मुँह पूर्व कर लो,
सुबह सूर्य को देखो तुम।
अपने दाईं ओर देखो अब,
दक्षिण यही दिशा है सुन।
प्यारे बच्चों सुन सुन सुन..
उल्टे उसके बाईं ओर,
उत्तर दिशा कहे सब सुन।
चारों दिशा को याद रखो,
दिशा ज्ञान की है यह धुन।
प्यारे बच्चों सुन सुन सुन..
डॉ. स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’
मध्य विद्यालय शरीफगंज
कटिहार बिहार
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