महामंगला छंद
हे गणपति गजवदन, तुम्हें नवाऊँ शीश।
देव पूज्य तुम प्रथम, कृपा करो जगदीश।।
गिरिजा नंदन नमन, तुमको बारंबार।
कर विघ्नों का हरण, कर दो तुम उद्धार।।
कृपा करो तुम अगर, सुंदर हो हर छंद।
लिख पाऊँ भी सहज, जिससे मैं मतिमंद।।
माता गौरी सुवन, रिद्धि सिद्धि के संग।
आकर मेरे भवन, भरो ज्ञान के रंग।।
करूंँ षडानन नमन, रख लो मेरी लाज।
गाऊँ तेरा भजन, सुफल करो मम काज।।
कष्टों में मैं गहन, रखता तुमसे आश।
गणपति सक्षम सबल, दे दो दया प्रकाश।।
अर्पण तुझको महज, भाव भक्ति विश्वास।
हे लम्बोदर सहज, भर दो बुद्धि उजास।।
हाथ उठाकर वरद, करिए कुछ कल्याण।
दो “पाठक” को शरण, तन न पड़े निष्प्राण।।
रचयिता:- राम किशोर पाठक
प्रधान शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय कालीगंज उत्तर टोला
बिहटा, पटना, बिहार।
संपर्क – 9835232978
