हिन्दी हमारी मान है, हिन्दी हमारी शान है।
हिन्दी तो पहचान, हिन्दी में बसती जान है।
संस्कृति का अनन्त सागर है
जुड़ी है भारत के 14 भाषाओं से
जन-जन की भाषा है, यह
दूर तलक यह भाषा की महक
नमन नेह से कर लें सिंचित
यह तो गुण की खान है,
हिन्दी हमारी मान है, हिन्दी हमारी शान है।
सब तुझमें घुल मिल जाता है।
तू साँसों में बस जाती है।
बेले मन में सजाती है।
आनंद वर्धन कराती है।
जन-जन की जान है, हिन्दी हमारी महान है।
हिंदी हमारी मान है, हिन्दी हमारी शान है।। पूजा कुमारी, मधेपुरा (बिहार)
पूजा कुमारी, मधेपुरा (बिहार)
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