कैसे कह दूं – बैकुंठ बिहारी

कैसे कह दूं
कैसे कह दूं कि सब ठीक है,
अजीब सी बेचैनी है।
कैसे कह दूं कि सब ठीक है,
अजीब सा अधूरापन है।
कैसे कह दूं कि सब ठीक है,
अजीब सी दुविधा है।
कैसे कह दूं कि सब ठीक है,
अजीब सी रुकावट है ।
कैसे कह दूं कि सब ठीक है,
अजीब सा डर है।
कैसे कह दूं कि सब ठीक है,
अजीब सी चिंता है।
कैसे कह दूं कि सब ठीक है,
अजीब सा अविश्वास है।
कैसे कह दूं कि सब ठीक है,
अजीब सी व्यथा है।
कैसे कह दूं कि सब ठीक है,
अजीब सा स्वार्थ है।
कैसे कह दूं कि सब ठीक है,
अजीब सा अंधकार है।
कैसे कह दूं कि सब ठीक है,
अजीब सी माया है।
कैसे कह दूं कि सब ठीक है,
अजीब सा उहापोह है।
अजीब सी अशांति है।।
प्रस्तुति
बैकुंठ बिहारी
स्नातकोत्तर शिक्षक कम्प्यूटर विज्ञान
उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, सहोड़ा गद्दी,
कोशकीपुर

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