कक्षा का अमृत रस
कक्षा तो कक्षा है,
इसमें उपस्थित रहा करो 2
हो रहे वितरण ज्ञान का,
बस अमृत रस पीया करो।
बस अमृत रस पीया करो।।
चुकुर-भुकुर सौगात है तेरी,
इससे ऊपर उठ जाया करो।2
हो रहे वितरण ज्ञान का,
बस अमृत रस पीया करो।
बस अमृत रस पीया करो।।
तुम चिकने हट्ठे-कट्ठे हो,
ये सोच न इतराया करो।
क़ाबिल बनो तुम काबिल
न अश्लील गीत गाया करो।।2
कक्षा तो कक्षा है
इसमें उपस्थित रहा करो।
हो रहे वितरण ज्ञान का,
बस अमृत रस पीया करो।
बस अमृत रस पीया करो।।
लाज़वाब हैं हमारे शिक्षक,
इन्हे बेजोड़ मान अपनाया करो।
चर्चा सुन गली मुहल्ले में,
इन्हें भी फीडबैक दिया करो।।2
हो रहे वितरण ज्ञान का,
बस अमृत रस पीया करो।
बस अमृत रस पीया करो।।
कर भैया-चारी भारती 2
कहता है,
गुरु सानिध्य जीया करो।
हो रहे वितरण ज्ञान का,
बस अमृत रस पीया करो।
बस अमृत रस पीया करो।।
कक्षा तो कक्षा है….
हो रहे वितरण…..
बस अमृत रस पीया करो।।
(समाप्त )
—> गौतम “भारती”
बनमनखी पूर्णियाँ