माता की सवारी – जैनेन्द्र प्रसाद रवि


मनहरण घनाक्षरी छंद


आश्विन पावन मास,
नवरात्र होता खास,
इस बार माता जी की, हाथी की सवारी है।

श्रद्धा रख नर नारी-
सामग्री खरीद रहे,
भक्ति भाव रख करें, पूजा की तैयारी है।

थाल में चंदन रोड़ी,
अक्षत कर्पूर दीप,
फूल-फल नारियल, पान व सुपारी है।

कलश स्थापित कर-
आज शुरुआत होगी,
शैलपुत्री माँ आएंँगी, घरों में हमारी है।

जैनेन्द्र प्रसाद ‘रवि’

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