माँ मुझे भी-सुनिल कुमार

Sunil

Sunil

माँ मुझे भी

माँ मुझे भी नेता बनना है
नेता बनकर पावर लेकर
गरीबी को दूर करना है।
माँ मुझे भी..

खूब पढूंगा मेहनत करके
फिर आगे मुझको बढ़ना है
आगे बढ़कर देश की खातिर
सच्ची सेवा करना है।
माँ मुझे भी..

बेटा अभि तू बस खेल कूद ले
पढ़कर, खा के खाना आंख मूंद ले
कल जगकर जल्दी सुबह
स्कूल भी तुम्हे जाना है।
जरा बताओ बेटा हमें,
क्या तुम्हें अभी नेता बनना है ?

माँ अभिनेता से याद आया
पापा ने था हमको समझाया
नेता-अभिनेता के नाम अलग पर काम एक-से
दोनों को दर्शक को खुश करना है।
माँ मुझे भी..

हाँ अभिनेता से फिर याद आया
गुरुजी ने था कल बतलाया
कल के नाटक में अभिनेता बनकर
मुझे नेता का अभिनय करना है।

माँ मुझे भी नेता बनना है
नेता बनकर पावर लेकर
गरीबी को दूर करना है।
माँ मुझे भी..

(स्व लिखित)
सुनिल कुमार
राजकीय उत्क्रमित मध्य/ माध्यमिक विद्यालय, पचरुखा, बगहा-2, पश्चिम चम्पारण (बिहार)

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