मुस्कान-ब्रह्मकुमारी मधुमिता सृष्टि

Madhumita

Madhumita

मुस्कान

चेहरे की सुंदरता बढाती
आंखों में खुशियों का संचार करती
तन मन को ऊर्जा से भरपूर करती
अपनों को करीब लाती
एक प्यारी सी मुस्कान
देख जिसे भूल जाएं अपनी आन
देते जिसे सभी सम्मान
भूलकर मान-अपमान
दें एक प्यारी सी मुस्कान।

मुस्कान से जीवन रंग जाएगा
खुशियों से हर पल मुस्कुराएगा
सबका प्यारा तुम्हें बनाएगा
अनजान न तुमसे कोई रह पाएगा

दें सदा एक प्यारी सी मुस्कान,
ईश्वर का है यह वरदान
इसी में है सबका कल्याण
आओ बढ़ाएं अपने कुल की शान
देकर एक सुंदर मुस्कान।

क्या देना, क्या लेना किसी को,
खुश रहे सभी, है मंजूर खुदी को,

हुकुमी हुकुम चला रहा है
वो दाता, सब कुछ लुटा रहा है
मेरे दामन को खुशियों से भर रहा है
खुश रहकर क्यों ना रखूं मैं?
अपने परम पिता का मान
पाकर उनका अनमोल वरदान
हर्षित रहूं सदा, देकर एक प्यारी सी मुस्कान।

 ब्रह्मकुमारी मधुमिता ‘सृष्टि’
पूर्णियाॅं बिहार

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