नूतन वर्ष की बधाई
देखो फसलें लहलहा रहें,
पेड़ भी हैं फलों से लदें,
ये कैसी मंगल बेला आई,
नूतन वर्ष की नूतन बधाई।
पावन पावन पवन चले,
फूलों की भी सुगंध बहे,
मौसम ने भी ली अंगड़ाई,
नूतन वर्ष की नूतन बधाई।
बदला ऋतु, बदली सारी फिजाएं,
बही खाते भी सब ने बदलवाए।
कोयल ने भी तान सुनाई,
नूतन वर्ष की नूतन बधाई।
सिंदूरी भोर लिए सूरज आए,
शाखों पर कोमल पत्ते छाए।
नव वर्ष की नई सुबह आई,
नूतन वर्ष की नूतन बधाई।
नव वर्ष का नव सूरज आए,
खुशियां दे सबको यही दुआएं।
कलियां खिल खिल कर मुस्काई,
नूतन वर्ष की नूतन बधाई।
निधि चौधरी
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