समय है गतिमान – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

नश्वर दुनिया में है धर्म केवल शाश्वत, लोभ-मोह छोड़कर, नित्य करें प्रेमदान। जगत पिता से यहां कुछ भी है छिपा नहीं, आते जाते रात दिन, देख रहा दिनमान। पेट भरने…

युगपुरुष- कुमकुम कुमारी “काव्याकृति”

  जीवन में कुछ करना है तो, आलस को तजना होगा। बगैर रुके और बिना थके,नित्य तुम्हें चलना होगा।। सपने बड़े सजाए हो तो,शोलों पर चलना होगा। नींदे छोटी करनी…

छठी मैया गीत – नीतू रानी” निवेदिता”

नियम धरम सेएअ हम कईलौं, छठी मैया तोहरो त्योहार। करलौं में छठी के वरतिया कईलौं नहाय-खाय,कदुवा भात। करलौं हम खरना उपास, सहलौं दिन अरबा खेलौं रात। मंगेलौं हम बाॅ॑स केअ…