संभल जाओ चलो अब तो संभल जाओ वृक्ष को खुद से गले लगाओ।। वृष्टि से धरा को सराबोर करो पर्यावरण को स्वच्छ करने का कारोबार करो।। पीपल, अशोक, नीम जैसे…
बच्चों खेलो गिनती का खेला-सन्नी कुमार
बच्चों खेलो गिनती का खेला बोलो बच्चों एक–दो–तीन, खरीद कर लाओ तुम आम तीन। खेलो बच्चों चार-पांच–छह, सीढ़ी चढ़ो तुम गिन कर छह। सात–आठ–नौ का बड़ा है खेला, बोलकर सीखो…
मैं पुस्तक हूं-सुधीर कुमार
मैं पुस्तक हूं मैं पुस्तक हूं, सच्ची साथी, सारी दुनिया का ज्ञान हूं, बच्चे पढ़ मुझे ज्ञानी होते, ऐसी जग में महान हूं। मैं गणित की पुस्तक हूं, बच्चों को…
दोहावली-विनय कुमार ‘ओज’
दोहावली जीवों में तुम श्रेष्ठ हो, पाया तीक्ष्ण विवेक। मानवता कहती बनो, उत्तरदायी नेक।। विपदा में जब हो घिरा, हारा मन इंसान। संबल देता जो उसे, सच में वो भगवान।।…
प्रार्थना कोराेना से उद्धार–शुकदेव पाठक
प्रार्थनाकोरोना से उद्धार हे प्रभु! जगतपिता इस प्रलय से उबार दे तू फिर से जग को संवार दे तू। मानवता पर छाई अंधियारी नहीं रहा कोई भी पतवारी नौका मझधार…
टिशू पेपर-डॉ. स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’
मैं टिशू पेपर मैं! टिशू पेपर! सभ्यता की पहचान सौम्य सॉफ्ट आन-बान शान, हाथों से अधरों, गालों तक, जाने कहाँ-कहाँ मैं सहज पहुँचता हूँ। मैं! टिशू पेपर! स्वयं को निहारता,…
ममता के आंचल में शिक्षा-नितेश आनन्द
ममता के आंचल में शिक्षा जन्मदात्री तो नहीं तुम, लेकिन मां का प्यार दिया है तूने। नन्ही कदमों से जरूर था आया, चल के दौड़ना सिखाया तूने। जब कभी बाधाएं…
आओ सब मिल वृक्ष लगाएं-संजीव प्रियदर्शी
आओ सब मिल वृक्ष लगाएं आओ सब मिल वृक्ष लगाएं पर्यावरण को स्वच्छ बनाएं धरा पर थोड़ा वृक्ष बचे हैं शेष स्वार्थ की बलि चढ़े हैं जिधर देखो धुआं-धुआं है…
रौनकें वापस लौटा दो-रूचिका
रौनकें वापस लौटा दो स्कूल की दीवारें और खेल की मैदानें हर दम हर पल ये पूछ रही है। कब गूँजेगी कहकहे, कब लौटेगी रौनकें हरदम हर पल ये पूछ…
हम भारत की तकदीर हैं-रीना कुमारी
हम भारत की तकदीर हैं हम भारत की तकदीर है, हाँ, विल्कुल सच्ची तस्वीर हैं। न कोई टोन न कोई चिढ़ है, न ही हम कोई टेढ़ी खीर हैं। हम…