विद्यालय का आँगन पुनः गूंजेंगे गीत खुशी से, चेतना सत्र के प्रांगण में। पुनः खेलेंगे छात्र-छात्राएं, विद्यालय के आंगन में।। महामारी में कैद हो गया, बचपन चारदीवारी में। शिक्षक माली…
कोरोना की मार-सुरेश कुमार गौरव
कोरोना की मार कोरोना और इस काल से रहें सतर्क हमेशा रहें सजग करें कोई न कुतर्क। सामाजिक दूरी अब भी है पूरी जरुरी भीड़-भाड़ का जीवन तो है गैर…
देखो खो रहा बचपन- स्वाति सौरभ
देखो खो रहा बचपन हो गई हैं गालियां वीरान, ना करते अब बच्चे परेशान, ना टूटते अब घरों के शीशे, ना डंडा ले दादा दौड़ते पीछे, चार दीवारों…
सम्मान करो-विजय सिंह नीलकण्ठ
सम्मान करो सम्मान करो सम्मान करो बड़ छोटों का सम्मान करो नर नारी हो या बाल सखा पूरे सबके अरमान करो। गर मात पिता जी क्रोधित हो उनकी बातों का…
गौरवशाली बिहार-सत्यम कुमार
गौरवशाली बिहार मगध का मौर्य चन्द्रगुप्त हूँ, लिच्छवियों की वैशाली हूँ, आर्यभट्ट का दशमलव हूँ मैं, चाणक्य, अशोक, बिहारी हूँ। रश्मिरथी अंगराज कर्ण हूँ, माँ मैथिली की मिथिला हूँ, महावीर…
छोटी सी रचना-प्रीति कुमारी
छोटी सी रचना मन के उदगारों को, शब्द मिल गये। कल्पना में सारे, फूल खिल गए। मन उड़ने लगा सपनों का पंख लगाकर। फिर थिरक उठी उंगलियाँ, कोरे कागज पर।…
उठो उठो सुबह हुई-रानी सिंह
उठो उठो सुबह हुई सुबह-सुबह दादी क्यों ? चिड़िया खिड़की पर आ जाती है आ जाती है तो आ जाती है शोर क्यों इतना मचाती है ? उछल-कूद करती है…
बस कुछ दिनों की बात है-पंकज कुमार
बस कुछ दिनों की बात है पल पल वो जाता गया हमने ख़ुशियाँ मनानी शुरू कर दी दिल को वो धड़काता गया हमने ख़ुशियाँ मनानी शुरू कर दी। घर की…
गुरु की महिमा-बबीता चौरसिया
गुरु की महिमा बाल पुष्प संग मिलकर गुरू उपवन नया बसाते हैं घर-घर में दीप जलाकर गुरू अंधियारा दूर भगाते हैं। हर कठिन पगडंडी पर गुरु चलना सिखाते हैं नस…
कौन कहते कि बच्चे पढते नहीं-नूतन कुमारी
कौन कहते कि बच्चे पढते नहीं बुद्धिजीवी होना कुछेक की मुद्दत होती है, अनुकरण करना बच्चों की फितरत होती है, शिद्दत से हम उन्हें समझाते नहीं, कौन कहते हैं बच्चे…