पढ़ने से ज्ञान मिले दुनिया में मान मिले, जीवन से अज्ञान का मिटता है अंधकार। किए पर खेद करें किसी से न भेद करें, लोगों से करते सभी, सुसंस्कृत व्यवहार।…
पानी से जिंदगानी – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
बरखा के आस करके थकलय नयनमा,किसनमा। कि खेतिए पर निर्भर हय सबके परनमा किसनमा।। जेठ, बैसाख बितल, बितलय असढ़वा, बिना धान होले केटरो कैसे मिलतs मडवा। रोज दिन निरखे आँख…
वर्षा रानी के संदेश – सुरेश कुमार गौरव
सबके लिए ऋतुओं की रानी है वर्षा, पानी जब-जब बरसे तब-तब मन हर्षा। आसमान में घटाटोप बादल हैं छाएं, पेड़-पौधे हरीतिमा लिए पंख फैलाए। पक्षियों के सुरीले कलरव मीठे बोल,…
रूपघनाक्षरी – एस.के.पूनम
🙏कृष्णाय नमः🙏 विधा:-रूपघनाक्षरी बदरा लुभाए आज, रिमझिम बजे साज, कैसे करे कोई काज तन मन पाए खास। तरंगिणी भर गई, लहरें हिलोर मारी, डोल रही पनसुय्या उर्मी जगायी आस। हलधर…
सारा जग परिवार – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
गर्म-गर्म हवा चली, झुलस रही है डाली, फल-फूल-पत्ते बिना, वृक्ष ये बेकार हैं। माझी बिना मझधार- नैया डोले डगमग, दरिया की बीच धारा, टूटा पतवार है। अपना भी मुँह मोड़े,…
बरसात – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’
काली घटा व्योम में छाई दृश्य देख मन मुदित कीजिए। हँसती हुई बरसात आई हस्त उठाकर तोय पीजिए।। वर्षा देखो जब-जब आती जीव-जंतु हर्षित हो जाते। हरियाली चहुँदिशि छा जाती…
रूपघनाक्षरी – एस.के.पूनम
गरजे बरसे मेघ, गगन वितान सेंघ, टप टप करे शोर,रात जाग होए भोर। आलस्य का जकड़न, अंग-अंग अकड़न, मंदिरों में शंखनाद,स्नान ध्यान पर जोर। प्राची दिशा है लालिमा, पश्चिम में…
मनहरण – एस.के.पूनम
जाग रहा जग बंधू, ढूंढ़े मुझे प्रिय संधू, संसार के रखवाले,आए मेरे द्वार हैं। धरे कई रुप सदा, पहचाने यदाकदा, युगों से मोहनी छवि,मुझे तो स्वीकार है। द्वापर में कृष्ण…
रूपघनाक्षरी – एस.के.पूनम
पर्वतों के पीछे छुपे, बादलों के ओट खुले, मंडराते चहूंओर,सलिल से भरपूर। लेकर तपीश चले, लुकाछिपी रवि खेले, घेर लेते घनघोर,अहंकार करे चूर। काले-काले मेघ छाये, उलझे हैं लट जैसे,…
योग भगाए रोग – नीतू रानी
सुबह-शाम करिये योग डरकर भागेगा रोग, कोरोना हो या कोई महामारी योग से भागे सभी बीमारी। 🧘👨🦯⛹️🧎🏃 सुबह-शाम की हवा लाखों की दवा , ये कथन है बड़े बुजुर्गो का…