अ से होता अनार, इसका बड़ा उपकार| इसके सेवन से होता, सभी रोगों का विकार|| आ से होता आम, इसका बड़ा है काम| फलों का है राजा, बच्चों को आता…
हमें बताएं- मीरा सिंह “मीरा”
घर का कचरा फेंक सड़क पर चले कहां भैया इतरा कर? क्या सोचा है कभी आप ने होगा कितना जीना दुष्कर ? हुआ जहां कल धूम धड़ाका आज वहीं पर…
जीवन धारा – मनोज कुमार
वृक्षों की पत्ती जब धरा पर गिरती है, जीवन की धारा को यूँ कहां छोड़ती है। सूर्य की प्रभा से चमकती-दमकती है, बन ठन कर मानों वह इठलाती है। वायु…
दीपावली – एम के शशि
दीपों की जगमग से, आशियाना खिल गया। उसको भी जैसे , मुस्कुराने का सवब मिल गया। त्यौहार आया,जगमगाते हैं दीप हर घर में, खुशियों के द्वार खुले,रौनक हर घर में।…
दिवाली की सौगात – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
आओ मिलकर दीप जलाएं दिवाली की रात में, दिल का अंधेरा दूर है होता प्रेम की सौगात में। दिन रात एक कर घरों को सजाते हैं, परिजन मिलकर रंगोली बनाते…
काल-खण्ड – एस.के.पूनम
संसार में समय एक सा रहता नहीं है सदा, आज जहाँ उत्सव- काल है कल वहाँ शोकाकुल होगा, आज जहाँ सद्भावनाओं का कीर्ति स्तम्भ है, कल वहाँ अपयशों का बाजार…
रिश्ते – धीरज कुमार
हर किसी से सीधा रिश्ता किसी का जुड़ा है नही। हर किसी के लिए सीधे जुड़ कर रिश्ते बनाते हैं नहीं । कुछ रिश्ते कब ,कैसे और कहां बनेंगे ये…
मेरी दिवाली – संजय कुमार
दूर खड़ा मुस्कान लिए वह फुलझड़ियों की दुकानों पे छोटी सी अंजुलि में उसको कुछ सिक्के गिनते देखा था गहरी उसकी आँख में मैने खुशियाँ मरते देखा था एक गरीब…
आस की रौशनी – कंचन प्रभा
फूलों की खुशबू नभ प्रभात की आस भवरों की गूँजन संसार का मोह पाश है तिमिर लौ उस खण्डहर में उभरी धरती की लाली अम्बर की रंगत जुगनु की जगमग…
दीपावली – नीतू रानी
चौदह वर्ष बाद जब लौटे श्रीराम प्रजा ने दीपों से सजा दिए अयोध्या नगरी के मकान, खुशियों की दीपावली मनाकर प्रजा ने की श्रीराम जी का स्वागत और हार्दिक सम्मान।…