वीर सपूत अब उठो देश के वीर सपूतों, जग में कुछ ऐसा काम करो, चहुँ ओर फैले ख्याति तुम्हारी, उठो! न तुम आराम करो। कर्म से पहले फल नहीं मिलता,…
परिवार की छाँव-प्रियंका प्रिया
परिवार की छाँव जिस तरह वृक्ष को जड़ जोड़ कर रखता है उसी तरह परिवार रिश्तों को बेजोड़ रखता है। जिस तरह धूप में ढूंढ़े फिरे ठाँव, उसी तरह जरुरी…
प्रकृति-मधु कुमारी
प्रकृति प्रकृति ने सजाया अद्भुत मेला लगे धरती भी जिससे अलबेला दिखे अम्बर कभी लाल, नीला तो कभी पीला। अजब गजब हैं करतब रचाते जादूगर हो जैसे खेल दिखाते सूरज,…
रिश्तों का मेला-मनु कुमारी
रिश्तों का मेला सबसे सुंदर, सबसे मनहर, होता यह रिश्तों का मेला, मिल-जुलकर सब हँसते-गाते, प्यार बाँटते जश्न मनाते, कोई न रहता यहाँ अकेला। रिश्तों का यह अनुपम मेला… समाज…
जीवन-मनोज कुमार दुबे
जीवन जीवन इतना सरल नहीं मै तो दुनियाँ के हर सवाल से डरता हूँ ! दुश्मनों के चाल दोस्तों के बवाल और अपनों के भीतरघात से डरता हूँ ! न…
सर्दी का मौसम-लवली वर्मा
सर्दी का मौसम दिसंबर में होता शुरू, मार्च में यह होता खत्म। सर्दी का मौसम है ये, तापमान होता जिसमें कम। सर्दी का आया है मौसम, ठंडी से तो काँपे…
मासूम बच्चे की चाह-एम एस हुसैन कैमूरी
मासूम बच्चे की चाह उम्र अभी कच्चा है मगर दिल सच्चा है लोग मेरी बातों पर विश्वास नहीं करते हर बार यही सुनाते तू अभी तो बच्चा है पर क्या…
शब्द की शक्ति-कुमकुम कुमारी
शब्द की शक्ति शब्द की शक्ति है अपार जिसे चाहे डुबा दे मझधार जिसे चाहे बना दे अवतार शब्द की शक्ति है अपार। शब्द चाहे तो पानी में आग लगा…
सम्मान-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
सम्मान जो दूसरों का करता सम्मान, जग में उसका बढ़ता है मान। दूसरों की सम्मान जो करता, अपना जीवन उसके नाम है करता। सुख-दुःख की परवाह किये बिना, सबके हित…
गुरु महिमा-देव कांत मिश्र दिव्य
गुरू महिमा पान सुधा रस ज्ञान गुरु, इसे लीजिए जान। चाह ज्ञान की सब रखें, करें सदा सम्मान।। राग द्वेष रखते नहीं, नहीं मान अभिमान। समदर्शी रहते सदा, देते विद्या…