विषपान सोचना हमें किस पथ पर चलना होगा सामने है संकटों का जखीरा पत्थरों का ढेर है रास्ते है टेडी-मेड़ी सामने काँटो भरा पेड़ है। हीत-अनहित की बात मत कर…
सरस सुपथ-दिलीप कुमार गुप्त
सरस सुपथ जीवन प्रवाह संताप नहीं नैराश्य आर्त नाद पश्चाताप नहीं पथ यह सहज सरलता का सुपथ सुगंधित नैतिकता का संतति को तू गढता चल सरस सुपथ पर बढता चल।…
शिक्षा शिक्षा और शिक्षा-गिरिधर कुमार
बड़ी भीड़ है स्कूलों में, शिक्षण संस्थानों में कोचिंग में ट्यूशन में नये नये अखाड़ों में! बस पास करनी है परीक्षा डिग्री का जुगाड़ कुछ कहीं बस नौकरी लग…
आलू की शादी-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
आलू की शादी आलू राजा लेकर चले बारात, साथ सभी सब्जी की जमात। गोल मटोल हैं दुल्हा राजा, संग में गाड़ी और बैंड बाजा। भिंडी, करेला, कोहड़ा नाचे, बैंगन पंडित…
दोहावली-देव कांत मिश्र
दोहावली हे माता जगदम्बिके, तू जग तारणहार। अनुपम दिव्य प्रताप से, संकट मिटे हजार।। बढ़ना है जीवन अगर, चलिए मिलकर साथ। सारी दुनिया आपको, लेगी हाथों-हाथ।। बेटा है कुल दीप…
समय का महत्व-भवानंद सिंह
समय का महत्व समय बड़ा बलवान है करो सदा इनका सम्मान, इनसे किया जो भी मित्रता कहलाया वो महान है। समय के साथ चलना है सबको कर लो…
हमारा परिवेश-बीनू मिश्रा
हमारा परिवेश आओ देखो छू ले हम, और पाएं हम उनसे ज्ञान, अलग-अलग आकार और प्रकृति के, पत्ती फूल फल और तना अनेक, रंग, गंध अलग लंबे और छोटे मोटे,…
अशोक कुमार-बिल्ली मौसी
बिल्ली मौसी बिल्ली मौसी बिल्ली मौसी, घर में वह धौस जमाती। म्याऊं म्याऊं करती रहती, बच्चों को खूब भाती।। चूहों को पकड़ा पकड़ी, उसको खूब मजा आती। चूहों को…
क्यों हम भूल जाते हैं-भोला प्रसाद शर्मा
क्यों हम भूल जाते हैं क्यों हम भूल जाते हैं ? जब हम माँ के गर्भ में होते हैं मुझे बहुत सुखों की अनुभूति होती है कुछ ही दिनों में…
आज की नारी मोहताज नहीं किसी की-विवेक कुमार
आज की नारी मोहताज नहीं किसी की प्रकृति की हसीन वादियों की नूर है नारी, सृष्टि की अमिट निशानी पालनहार है नारी, युगों युगों से सामाजिक कुरीतियों से घिरती चली…