विषपान-धर्मेन्द्र कुमार ठाकुर

विषपान सोचना हमें किस पथ पर चलना होगा सामने है संकटों का जखीरा पत्थरों का ढेर है रास्ते है टेडी-मेड़ी सामने काँटो भरा पेड़ है। हीत-अनहित की बात मत कर…

शिक्षा शिक्षा और शिक्षा-गिरिधर कुमार

  बड़ी भीड़ है स्कूलों में, शिक्षण संस्थानों में कोचिंग में ट्यूशन में नये नये अखाड़ों में! बस पास करनी है परीक्षा डिग्री का जुगाड़ कुछ कहीं बस नौकरी लग…

आलू की शादी-जैनेन्द्र प्रसाद रवि

आलू की शादी आलू राजा लेकर चले बारात, साथ सभी सब्जी की जमात। गोल मटोल हैं दुल्हा राजा, संग में गाड़ी और बैंड बाजा। भिंडी, करेला, कोहड़ा नाचे, बैंगन पंडित…

दोहावली-देव कांत मिश्र

दोहावली हे माता जगदम्बिके, तू जग तारणहार। अनुपम दिव्य प्रताप से, संकट मिटे हजार।। बढ़ना है जीवन अगर, चलिए मिलकर साथ। सारी दुनिया आपको, लेगी हाथों-हाथ।। बेटा है कुल दीप…

अशोक कुमार-बिल्ली मौसी

  बिल्ली मौसी बिल्ली मौसी बिल्ली मौसी, घर में वह धौस जमाती। म्याऊं म्याऊं करती रहती, बच्चों को खूब भाती।। चूहों को पकड़ा पकड़ी, उसको खूब मजा आती। चूहों को…

आज की नारी मोहताज नहीं किसी की-विवेक कुमार

आज की नारी मोहताज नहीं किसी की प्रकृति की हसीन वादियों की नूर है नारी, सृष्टि की अमिट निशानी पालनहार है नारी, युगों युगों से सामाजिक कुरीतियों से घिरती चली…