प्रार्थना-देव कांत मिश्र ‘दिव्य’

प्रार्थना स्वर की देवी माँ सरस्वती वाणी मधुरिम कर देना। भक्ति भाव से आया हूँ मैं गीतों में रस, भर देना।। भाव पुष्प माँ लेकर आया और क्या माँ, चढ़ाऊँ…

जोड़ घटाव-बीनू मिश्रा

जोड़-घटाव  आओ मिल कर खेले खेल, क्या होता है करके मेल, मेरे पास थे डिब्बे दो, और दो दे गया वो, अब कितने हुए  अब हो गए डिब्बे चार, उसमें रखे…

पिता-गिरिधर कुमार

पिता एक बरगद एक असीम सा कुछ वह खड़ा है पार्श्व में हम और हमारी छाया के बीच कहीं… ढूंढो न ढूंढो उसे कोई मतलब नहीं बस तुम्हारी समृद्धि चाहिए…

गाँव-मुकेश कुमार

गाँव गाॅंव की पगडंडियों में एक अलग बात है, यहाँ हमेशा हरियाली ही साथ है, एक बार गाँव आकर घूम लीजिये, यहाँ प्यार, स्नेह, सम्मान की बरसात है। यहाँ आपको…

बचपन के दिन-चाँदनी समर

बचपन के दिन सुबह सुबह आँखे खुलती थी चिड़ियों के चहचहाने से उठ बैठती थी अंगराई लेकर फिर माँ के बुलाने से। मीठी मीठी चाय के साथ बिस्किट का वो…