नन्ही चिड़िया-अमृता सिंह

नन्ही चिड़िया उठ चिड़िया अब आंखे खोल तुझे अम्बर छूने जाना है, अपने नन्हे-नन्हे कदमों पर अपना भार उठाना है। हरे-भरे खेतों से तुझको दाना पाने जाना है, सुदूर झरने…

माहवारी खुलकर बोलने की बारी

🙏🙏माहवारी खुलकर बोलने की बारी🙏🙏 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 विधाता की अद्भुत कलाकारी नर संग पालनहार नारी सृष्टि सृजन की जिम्मेवारी इन्हीं पर वारी दिया समानता का अधिकार नारी को पृथ्वी का बनाया…