उद्देश्य-दिलीप कुमार गुप्ता

उद्देश्य अनगढ को सुगढ बनाना शूलों मे सुरभि महकाना भटके को सम्यक राह सुझाना गहन तिमिर में रवि उगाना प्रतिपल हो उद्देश्य हमारा । बुझे मन मष्तिष्क विश्वास जगाना थके…

पेड़-रानी कुमारी

पेड़ सारी सृष्टि सुशोभित मुझसे युगों-युगों से राज है मेरा न जाने कितनी कहाँनियाँ समाहित है मुझमें आज मैं अपने बारे में कुछ बतलाता हूँ हाँ, मैं एक पेड़ कहलाता…

सदाचार-देव कांत मिश्र दिव्य

सदाचार   सदाचार का गुण अपनाएँ सच्ची पूँजी इसे बतलाएँ। अमित तोष आनंद बढ़ेगा जीवन मधुरिम और दिखेगा।। अमिय समान बहुत गुणकारी है आभूषण असली प्यारी। मीठे वचन सभी से बोलें…

मैं हूँ कितना भाग्यवान-अवनीश कुमार

मैं हूँ कितना भाग्यवान मैं हूँ कितना भाग्यवान जिसे मिला इतना सम्मान पढ़-लिख कर नाम रोशन किया माँ-बाप का नाम उजगार किया धैर्य साहस है सफलता की कुंजी यही है…

संकल्प-अर्चना गुप्ता

संकल्प एक दूजे संग संकल्प जगाकर मन में इक विश्वास बनाकर राहों की अनगिन बाधा हटाने एक दृढ़ प्रतिज्ञा मन में बिठाकर प्रेम-सद्भाव, दया-सौहार्द्र संग इक दीपक नया जलाना होगा…