रामचरित-राजेश कुमार सिंह

चौदह कलाओं वाले सीतापति का रामचरित मेरे आराध्य देव मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम हैं। रघुकुल शिरोमणि निश्छल और निष्काम हैं।। पिता दशरथ और माता कौशल्या के दुलारे हैं। लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न…

स्वयं की पहचान-मधुमिता

स्वयं की पहचान क्या कभी पहचाना स्वयं को? कौन हैं हम? भूलकर स्वयं को आत्मा देहाभिमान में ढूंढे, कौन है परमात्मा? देह नही तू देही है, मिलेंगे कैसे वो? परमात्मा…