पितृ पक्ष के भाव
जिनमें है पिता की भक्ति ,
वही तो पितृ तर्पण करते ।
अपने उर में श्रद्धा लेकर ,
वही तो पित्र पूजन करते ।
सब पूर्वजों का दिया हुआ ,
उनका ही सब आभार है ।
उनकी भावनाओं को नित समझें
तो अपने जीवन का उद्धार है ।
कृतज्ञता ज्ञापित करने को,
यह वर्ष में एक बार आता है ।
आश्विन माह के कृष्ण पक्ष को ,
यही श्रद्धा विशेष दे जाता है ।
इसमें पितरों को पानी देना ,
औ पिंडदान करना भक्ति से ।
यही शुभ भावना रख दिल में,
कर्त्तव्य करना निज शक्ति से ।
जाने कौन नगरिया में ,
हमारे पितृ जन रहते हैं ।
पर परोक्ष रूप में वे ही तो
कष्ट निज जन हेतु सहते हैं ।
उनका उपकार बहुत है हम पर ,
वे ही देवों से नित प्रार्थना करते ।
हमारे अभ्युदय की नित सोचते ,
वे ही हमारे जीवन धन्य करते ।
आगे बढ़ने को नित नित ,
उनका आशीर्वाद बहुत जरूरी है ।
वे ही हमारे पुरखे पूर्वज हैं ,
करना उनका सम्मान जरूरी है ।
अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड बंदरा , जिला मुजफ्फरपुर
