प्रकृति की सुंदरता
तिमिर दूर कर प्रभा विखेरती
सूरज की किरणें,
नव प्रभात की नई किरण में
कलियां है मुस्काती।
आओ प्यारे बच्चों देखो
धरती की हरियाली,
चिड़िया गाती गीत निराली
तरु की डाली डाली।
जंगल में विचरण करते पशु
लगते हैं मनभावन,
रंग-बिरंगे फूलों की
बगिया लगती है सुहावन।
हरे भरे वन उपवन,
बहती झील नदियां।
ठंडी ठंडी हवा सुहानी,
चलती है जैसे मस्तानी।
सागर की लहरें कहती है भर लो
अपने दिल में मृदुल उमंग।
मीठे स्वर में कुहू कुहू,
गीत सुनाती कोयल।
फल से लदे विटप को देखो,
झुकी हुई है डाली।
पर्वत शीश उठाकर,
ऊंचाई को छूना सिखलाता।
काले बादल देख नभ में
मोर नाचे छम छम।
चंदा की चांदनी निराली
शीतलता देती है।
नील गगन में तारे देखो
जगमग जगमग करते।
आसमान के नीले चादर
ढकता है सारा संसार।
आओ प्यारे बच्चों देखो
प्रकृति की सुंदरता।
ब्यूटी कुमारी
मध्य विद्यालय मराँची
बछवाड़ा, बेगूसराय