सजा दरबार मैया का- राम किशोर पाठक

Ram Kishor Pathak

सजा दरबार मैया का – विधाता छंद गीत

लगाती पार नैया जो, वही पतवार लाएँ हैं।
सजा दरबार मैया का, सभी को प्यार लाएँ हैं।।

चलो हम भी उन्हें मिल लें, कही देरी न हो जाए।
किया है भूल हमने जो, वही बेड़ी न हो जाए।।
सदा माता दया करती, उन्हें सब-कुछ बताएँ हैं।
सजा दरबार मैया का, सभी को प्यार लाएँ हैं।।०१।।

क्षमा कर दो हमें मैया, हमारा ज्ञान थोड़ा है।
शरण में आ गया तेरे, पड़ें पग हाथ जोड़ा है।।
करोगी माफ अब मैया, यही आशा लगाएँ हैं।
सजा दरबार मैया का, सभी को प्यार लाएँ हैं।।०२।।

मुझे मालूम है मैया, सभी फरियाद सुनती हो।
किया जो भक्ति है तेरी, सदा बुनियाद बुनती हो।।
किया पाठक तुम्हें वंदन, तुम्हें दिल में बसाएँ हैं।
सजा दरबार मैया का, सभी को प्यार लाएँ हैं।।०३।।

गीतकार:- राम किशोर पाठक
प्रधान शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय कालीगंज उत्तर टोला, बिहटा, पटना, बिहार।
संपर्क – 9835232978

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