वक़्त हीं तो है गुजर जाएगा
वक़्त हीं तो है, गुज़र जाएगा
जो आज है भयावह मंजर
यकीन रख कल ठहर जाएगा
वक़्त ही तो है, गुजर जाएगा।
हौसला है जो हमारा उम्मीदों भरा
जिंदगी जीत, फिर उभर आएगा
जो चेहरे हैं आज मायूसी भरा
कल यकीनन फिर मुस्कुरायेगा
वक़्त हीं तो है, गुजर जाएगा।
जो आज अपनों से दूर है हम
माना कि बहुत मजबूर हैं हम
जो है दुख की ये काली बादल
जल्द कोशिशों से छट जाएगा
निर्मम तमस की कोख से हीं
सुनहरा सबेरा फिर मुस्कुराएगा
वक़्त हीं तो है, गुजर जाएगा।
फिर होगा कुदरत का रहम
देवता अमृत वर्षा कर जाएंगे
खुशियों से ये धरा चहक जाएगा
सपनों सा सुंदर शहर सज जाएगा
दुनियां पहले की तरह बस जाएगा
दहसत भरे माहौल से उभर जाएगा
वक़्त हीं तो है, गुजर जाएगा।
मधु कुमारी
कटिहार