स्कूल में आई खुशियाँ
फरवरी दो हजार बीस से बंद था
पठन-पाठन विद्यालय में
प्यारे बच्चे छुपे हुए थे
अपने-अपने आलय में।
मन नहीं लगता गुरुजी को था
बैठे-बैठे विद्यालय में
हरदम ईश्वर से विनती करते
भेजो कोरोना यमालय में।
ईश्वर ने भी विनती सुनकर
कोरोना वार को कम किया
टीका आएगा घर-घर में
हमसब ने यह जान लिया।
शुरू हुआ विद्यालय आना
प्यारे-प्यारे बच्चों का
देख प्रफुल्लित गुरु हो गए
धन्यवाद किया परमेश्वर का।
अद्भुत खुशियाँ देखने को मिलती
हर बच्चे के चेहरे पर
ज्ञानवान बनने की इच्छा
रखते बच्चे पढ़-लिखकर।
छूट गए डर के वे दिन
स्कूल आए मुन्ने मुनियॉं
गुरु शिष्य प्रसन्न हैं दिखते
क्योंकि स्कूल में आई खुशियाँ।
विजय सिंह नीलकण्ठ
सदस्य टीओबी टीम
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