शब्द साधना…रामकिशोर पाठक

Ram Kishore Pathak

मरहठा माधवी छंद

शब्द साधना अगर, सब्र साधना, स्वयं साधा करे।
शिल्प देखिए सहज, और सीखिए, मौन बाधा हरे।।
अर्थ जानिए सदा, हर्ष मानिए, गर्व आधा धरे।
यत्न कीजिए सरल, आज कीजिए, ज्ञान राधा वरे।।०१।।

शब्द का अर्थ ज्ञान, स्थान का ध्यान, धैर्य से देखिए।
काव्य की कला सरल, शब्द से तरल, सौम्यता सीखिए।।
ध्यान रख लिंग वचन, लक्ष्य भी सघन, खेल सा ही खेलिए।
पूर्ण हो गई सृजन, करें अब नमन, आप कवि हो लिए।।०२।।


रचयिता:- राम किशोर पाठक
प्रधान शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय कालीगंज उत्तर टोला, बिहटा, पटना, बिहार।
संपर्क – 9835232978

0 Likes
Spread the love

Leave a Reply