शुभारंभ
आज चहुंओर है चहल-पहल,
जैसे कोई हो पावन पर्व
बच्चे सारे हैं नाच रहे
खुशियों के संदेशे बाँट रहे।
मानो गम के दिन बीत गए
मन भाव-विभोर हो झूम गये।
विद्यालय सारे सज-धजकर
बच्चों के स्वागत को आतुर,
हैं बाँह पसारे खड़े हुए
पथ ताक रहे आतुर होकर।
सूनापन अब तो दूर हुआ
विद्यालय में बच्चों का आगमन हुआ,
विद्यालय में जब घण्टी बजी
पठन-पाठन का शुभारंभ हुआ।
घण्टी की मधुर ध्वनि सुनकर
हम सब का मन भी झूम उठा।
मानो इन प्यारे बच्चों से
दिल का रिश्ता था जुड़ा हुआ,
इनके बिना विद्यालय का
हर कोना था सिसक रहा।
आज बच्चों की कोलाहल से
मानो अन्तर मन तृप्त हुआ,
कक्षा में जाकर हम सबने
है अमुल्य धरोहर को पाया।
कोरोना के कारण ही सही
हमने अन्तर मन में झाँका,
शिक्षक के कर्तव्य हैं इसको
हमने जाना हमने समझा।
बच्चों के बिना हम शिक्षक की
कोई अहमियत नहीं होती,
बच्चे ही हमारे सब कुछ हैं
इनके बिना हमारा वजूद नहीं।
लम्बी अवधि के बाद आज
जब पठन-पाठन आरंभ हुआ,
मन के उदगार भी जाग गये
मन पुलकित होकर मगन हुआ।
एक शिक्षक होने के नाते
अनवरत प्रयास करेंगे हम,
कर्तव्य पथ पर चलने का
हम यह संकल्प उठाते हैं,
बच्चों के लिए तन मन अर्पण
सबको विश्वास दिलाते हैं।
प्रीति कुमारी
कन्या मध्य विद्यालय मऊ विद्यापति नगर समस्तीपुर 🙏