नटखट कान्हा मन चंचल साँवला तन, जिनको करता सब नमन। उनको गौ से है मीत, बाँसुरी वादन में है प्रीत। बात अनोखी करते हैं, ज्ञान की बातें रखते हैं। गौ…
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अपना भारत देश महान-अनुज वर्मा
अपना भारत देश महान भारतवासी का है अरमान, सुदृढ़ रहे तिरंगे की शान। अपना भारत देश महान, अखंडता है इसकी पहचान। भारत भूमि है पूज्यनीय, वीरों का शौर्य स्मरणीय।…
हरियाली-अनुज वर्मा
हरियाली सावन के आने से, हरियाली चहूँ ओर छाई। गजब है ये सृष्टि हमारी, सभी दिखती रंगों से प्यारी। पेड़ों की शोभा है हरियाली, पत्तियों की काया हरियाली। हरियाली जब…
मानव हो मानव बनो-अनुज वर्मा
मानव हो मानव बनो मानव हो मानव बनो बुद्धि विवेक से पूर्ण रहो, व्यवहार सदा अच्छे करो। उच्च संस्कार से तृप्त बनो, ईर्ष्या विकार को दूर धरो, मानव हो मानव…
जय माता दी-अनुज वर्मा
जय माता दी ऐसी सद्बुद्धि हमें देना माता, मन में भावना गलत न आए हर बुराई दूर ही रहे हम से, लोभ मन में कभी भी न आए। ऐसी सद्बुद्धि…
माँ अनमोल हैै-अनुज वर्मा
माँ अनमोल है माँ तूँ अनमोल है, तेरा न कोई मोल है। मैं तो नादान था, हर गम से अंजान था। नाम मेरा है क्या, ये तूने बताया। माँ तूँ…
प्रेम-अनुज वर्मा
प्रेम प्रेम जगत की आस, प्रेम जगत की प्यास। प्रेम बड़ा उपहार है, बिन इसके सब बेकार है। प्रेम से इर्ष्या दूर हो, प्रेम वाले मशहूर हो। जीवन में सुकून…
प्रवेशोत्सव-अनुज वर्मा
प्रवेशोत्सव हम सबने यह ठाना है, विद्यालय में अच्छे दिन लाना है। चलो हम सब स्कूल चलें, सब पढ़ें, सब बढ़ें। प्रवेशोत्सव का अभियान आया, सबको भाया, सबको हर्षाया। सबने…
प्रार्थना में शक्ति है-अनुज वर्मा
प्रार्थना में शक्ति है सबसे सुंदर भक्ति है प्रार्थना सबसे सार्थक युक्ति है प्रार्थना भक्त की शक्ति है प्रार्थना कर्णप्रिय श्रुति है प्रार्थना ।१। ईश्वर प्राप्ति की पहल है प्रार्थना…
गाँव की मिट्टी-अनुज वर्मा
गाँव की मिट्टी आज भी जीवंत है गाँव, उसकी मिट्टी और छाँव। कच्ची थी पगडंडी, नहीं थी कोई मंडी। पेड़ों पर झुलना, गिरकर फिर संभलना। नानी दादी की कहानी, खूब…