बिटिया रानी-अर्चना गुप्ता

बिटिया रानी सुन लो प्यारी मेरी बिटिया रानी आओ सुनाऊँ तुझे मैं एक कहानी नन्हें पाँव तेरे जब पड़े घर-अँगना हँसती ऐसे जैसे बहे दरिया नूरानी प्रस्फुटित होता तुझसे ही…

बाल मन-अर्चना गुप्ता

बाल मन  बाल मन होते कोमल निश्छल मुस्काते नैन ज्यों कुसुम कमल मन के होते स्वच्छ-भोले-सच्चे ज्यों व्याप्त श्वेत हिमगिरि धवल मुखमंडल पर अति मधुर मुस्कान उनके हिय विराजें सदा…

उम्मीदों के नवदीप जलाएँ-अर्चना गुप्ता

उम्मीदों के नवदीप जलाएँ उर आच्छादित ईर्ष्या-क्रोध-अहम चाहकर भी मिटा ना पाए ये हम घृणा, द्वेष और कलुषित भाव संग भर गया अंतस तक तिमिर सघन बुझे-बुझे से हैं जो…

तटस्थता-अर्चना गुप्ता

तटस्थता  सभ्यता के इस नए दौर में वो बेबाक़पन,  अपनों संग ठहाके और  अल्हड़पन जाने कहाँ हो गए गुम ….. जिंदगी की धूप-छाँव में तपिश को झेलते झेलते मनुष्य का…

संकल्प-अर्चना गुप्ता

संकल्प एक दूजे संग संकल्प जगाकर मन में इक विश्वास बनाकर राहों की अनगिन बाधा हटाने एक दृढ़ प्रतिज्ञा मन में बिठाकर प्रेम-सद्भाव, दया-सौहार्द्र संग इक दीपक नया जलाना होगा…

मानव जन्म अनमोल है-अर्चना गुप्ता

मानव जन्म अनमोल है मानव जन्म अनमोल है शुद्ध रखो आचार-विचार मधुर वाणी रखो जिह्वा में फैलाओ जग में सद्व्यवहार प्रेम, दया, सौहार्द्र, समन्वय संग सींचेगा जो यह संसार पथ…

रिश्ते-अर्चना गुप्ता

रिश्ते रिश्ते होते हैं अमूल्य धरोहर समरस जीवन होते सुखकर हृदय के हर भाव को समझे बहते जैसे निर्झरिणी निर्झर मधुर भावों से सजा उपवन हर रिश्तों का मान रखें…