उम्मीदें-प्रियंका दुबे

उम्मीदें स्वप्निल रजनी के देश में देखे जो ख्वाब, उसे पूरा कर लेंगे आज, अगर चलते रहे यूं ही कर्मठता से कर्म के पतवार, जरूर होगी ख्वाबों की निर्झरनी पार,…